Budget 2023: हर साल की तरह इस साल भी आम नागरिक बजट की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. यह बजट मोदी सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ये आखिरी बजट होगा.
डॉ के सी रवि, CSO, Syngenta India
इस साल का केंद्रीय बजट पेश होने में अब एक हफ्ते से का समय रह गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 केंद्रीय बजट 23-24 को संसद भवन में पेश करेंगी. हर साल की तरह इस साल भी आम नागरिक बजट की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. यह बजट मोदी सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ये आखिरी बजट होगा.
इस बीच सिंजेन्टा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर डॉ. केसी रवि ने कहा कि भारतीय एग्रीकल्चर सेक्टर इस समय अच्छी स्थिति में है. हाल के दिनों में लागू किए गए उपायों की मदद से इस सेक्टर को काफी बढ़ावा मिला है. नई तकनीकों के इस्तेमाल से खेती-किसानी के कामों के दौरान होने वाली कड़ी मेहनत में भारी कमी आई है. उन्होंने इस साल के बजट में सरकार से एग्रीकल्चर सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं.
GST को कम करने से मिलेगा फायदा
लगातार बढ़ती इनपुट लागतों को देखते हुए केंद्रीय बजट 2023-24 में फसल सुरक्षा उत्पादों, कृषि उपकरण, बीज और अन्य इनपुट पर जीएसटी को कम करने पर विचार करना चाहिए. ये किसानों को अतिरिक्त फाइनेंशियल जोखिम में डालती हैं. पीएम-किसान के तहत बचा हुआ पैसे कृषि से जुड़े अन्य प्रोडक्ट्स को खरीदने में मदद करेगा और इससे मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी. इंडस्ट्री यह भी उम्मीद कर रही है कि सरकार को एग्रोकेमिकल सेक्टर के लिए एक विशेष उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना तैयार करनी चाहिए, जिससे भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिल सके.
गेम चेंजर साबित हो सकता है AI
ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी उभरती टेक्नोलॉजीज इस सेक्टर में गेम चेंजर साबित हो रही हैं. सरकार अगर ड्रोन सहित अन्य टेक्नोलॉजीज के इस्तेमाल को बढ़ावा देती है तो इससे फसल की उत्पादकता में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. प्रस्तावित डिजिटल फसल सर्वेक्षण जल्द ही पुरानी पटवारी प्रणाली को रिप्लेस कर सकती है. यह अधिक मजबूत एआई/एमएल और जीआईएस-जीपीएस संचालित फसल भूमि की मैपिंग करेगी. इससे न केवल सरकार बल्कि निजी इंडस्ट्री को भी फायदा होने की उम्मीद है.

आरएंडडी व्यय में कटौती
केंद्रीय बजट-2023-24 में किसानों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए पर्याप्त फाइनेंशियल प्रावधान होने चाहिए. एग्रीकल्चर सेक्टर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप को बढ़ावा देने के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर भी जोर देना चाहिए. सरकार को एग्रोकेमिकल कंपनियों द्वारा अनुसंधान एवं विकास व्यय पर 200% कटौती प्रदान करने पर विचार करना चाहिए. सरकार इसे उन यूनिट्स को प्रदान करने पर विचार कर सकती है जिनके पास न्यूनतम 50 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है और 10 करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है. पीपीपी मोड में बेहतर तालमेल के लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज को प्राइवेट सेक्टर की इंडस्ट्रीज के साथ जुड़ना चाहिए.
इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, मिट्टी के कटाव, बायोडाइवर्सिटी के नुकसान, घटते जल स्तर से निपटने के लिए एग्रीकल्चर के डाइवर्सिफिकेशन को एक मिशन मोड में बढ़ावा देने की आवश्यकता है. किसानों को इस दौरान पॉलिसी और प्रोत्साहन दोनों की जरूरत होगी.
'लोकल फॉर ग्लोबल' पर केंद्र सरकार के जोर को ध्यान में रखते हुए नीति और वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से हमारे बागवानी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने से किसानों और इंडस्ट्री दोनों को लाभ होगा. वैश्विक के लिए स्थानीय पर माननीय प्रधानमंत्री के जोर को ध्यान में रखते हुए नीति और फाइनेंशियल प्रोत्साहनों के माध्यम से हमारे बागवानी उत्पादों के निर्यात को और बढ़ावा देने से किसानों और उद्योग दोनों को लाभ होगा.
First Published: IST