गिरिया गांव का एक प्रगतिशील किसान फूलों की खेती कर लाखों रुपये कमा रहा है. उद्यानिकी विभाग द्वारा बेस्ट फार्मर सोल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.
बागवानी के माध्यम से किसान पारंपरिक खेती के अलावा फल-फूल की खेती करते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं. अमरेली जिला कपास की प्रमुख खेती है. उससे थोड़ा अलग किसान फूलों की खेती भी करता है. गिरिया गांव का एक प्रगतिशील किसान फूलों की खेती कर लाखों रुपये कमा रहा है. उद्यानिकी विभाग द्वारा बेस्ट फार्मर सोल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.
अमरेली के नवा गिरिया गांव के किसान गिरीशभाई जोकानी एक दशक से अधिक समय से फूलों की खेती कर रहे हैं. न केवल फूलों की खेती, बल्कि इसकी खुदरा बिक्री के माध्यम से, उन्होंने वित्तीय समृद्धि सहित पूरे सूबा में प्रसिद्धि और सौभाग्य प्राप्त किया है. गिरीशभाई के पास एक आधुनिक डब्बे पोलो हाउस और पारंपरिक डब्बे फूलों की खेती है. जिनके खेतों में देशी-विदेशी फूलों की महक रहती है.

विभिन्न फूलों और महंगे फूलों की खेती करें
गिरीशभाई ने कहा कि खेत में गुलाब सहित विदेशी फूल लगाए गए हैं. जिप्सोफिला नामक कीमती और महंगे फूल भी पैदा करता है. इन फूलों का इस्तेमाल सजावट के साथ-साथ सजावट के लिए भी किया जाता है. गुलदस्ते में इस्तेमाल होने वाले गुलाब , बेबी , पिंक , सेवंती , बिजली , गलगोटा और हरी कामिनी का मिनी फॉरेस्ट लगाया गया है.

जिप्सोफिला की अधिक मांग
गिरीशभाई द्वारा लगाए गए फूलों में से एक जिप्सोफिला की इतनी अधिक मांग है कि इस फूल की 10 शाखाएं एक सीजन में 800 रुपये की कीमत पर उपलब्ध हैं. सालों से फूलों की खेती से जुड़े किसान सीधे फूल बेचते आ रहे हैं. उद्यान अधिकारी जे.डी. वाला ने बताया कि गिरीशभाई जोगानी को उनकी खेती के लिए उद्यान विभाग द्वारा सर्वश्रेष्ठ किसान आत्मा का सम्मान दिया गया है .
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