कैबिनेट की बैठक में सरकार जूट के किसानों के लिए बड़ी राहत का ऐलान कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जूट पैकेजिंग को मंजूरी दे दी है. 100% जूट बैग अनिवार्य होगा. जबकि 10% जूट बैग रिवर्स ऑक्शन से खरीदे जाएंगे. इसमें आगे कहा गया है कि चीनी पैकिंग के लिए 20% जूट बैग जरूरी हैं.
किसानों को होगा सीधा फायदा-
आपको बता दें कि जूट उद्योग मुख्य रूप से सरकारी क्षेत्र पर ही निर्भर है, जो खाद्यान्न की पैकिंग के लिए हर साल 8000 करोड़ रुपये से भी अधिक कीमत की जूट बोरियां खरीदता है.
ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि जूट उद्योग के लिए मुख्य मांग निरंतर बनी रही और इसके साथ ही इस क्षेत्र पर निर्भर कामगारों एवं किसानों की आजीविका में आवश्यक सहयोग देना संभव हो सके.
इस फैसले से पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में रहने वाले किसान एवं कामगार लाभान्वित होंगे.
The #Cabinet approves reservation norms for mandatory use of #jute in #packaging of rice, wheat, and sugar for the jute year 2022-23 (Jul-Jun).
CNBC-TV18 newsbreak confirmed. https://t.co/XVGQiyHcGH pic.twitter.com/8r7zkcpBrU— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) February 22, 2023
भारत जूट उत्पादन में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हैं. जूट की फसल भारत के 7 राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और मेघालय में होती है और इस पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया कराती है. भारत में दुनिया के कच्चे जूट में 50 फीसदी और जूट के सामान में 40 फीसदी की हिस्सेदारी है.