केंद्रीय खाद्य सचिव (Food Secretary) का कहना है कि कीमतों को ध्यान में रखते हुए गेहूं के एक्सपोर्ट का विकल्प तलाश जा रहा है. चावल की कीमतें काफी द तक स्थिर हैं
नरेंद्र मोदी सरकार पिछले साल मई में लगाए गए गेहूं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध हटाने का विकल्प तलाश रही है. केंद्रीय खाद्य सचिव (Food Secretary) का कहना है कि चावल की कीमतें काफी हद तक स्थिर हैं और इसकी खुदरा कीमतों में पिछले एक हफ्ते में गिरावट आई है. खाद्य सचिव ने कहा कि कीमतों को ध्यान में रखते हुए गेहूं के एक्सपोर्ट का विकल्प तलाशा जा रहा है. हालही में विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) संतोष कुमार सारंगी ने कहा था कि सरकार मार्च-अप्रैल के आसपास फसल की कटाई के समय गेहूं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध हटाने की मांग पर उचित निर्णय लेगी.
मई 2022 से एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध
भारत 2023/24 में एक बंपर गेहूं की फसल की उम्मीद कर रहा है. मई 2022 में इसके एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बाद आटे के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. दिल्ली में गेहूं के थोक भाव फिलहाल 28 रुपये प्रति किलो के आसपास हैं, जबकि एक साल पहले यह 20 रुपये किलो थे. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नवंबर में खुदरा अनाज महंगाई 12.96 प्रतिशत थी, जो बहुत अधिक है.
गेहूं की अगली फसल मार्च के अंत में ही बाजारों में आनी शुरू हो जाएगी. हालांकि किसानों ने इस बार 33.2 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की है. पिछले वर्ष के 43.3 मिलियन टन से सरकारी गेहूं की खरीद घटकर 18.8 मिलियन टन होने के कारण ही निर्यात प्रतिबंध के लिए सरकार को मजबूर होना पड़ा था.