Regulatory standards for Basmati rice: भारत में पहली बार फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI ) ने बासमती चावल के लिए कॉम्प्रिहेंसिव रेगुलेटरी स्टैंडर्ड (comprehensive regulatory standards) जारी किये हैं
भारत में पहली बार फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI ) ने बासमती चावल के लिए कॉम्प्रिहेंसिव रेगुलेटरी स्टैंडर्ड (comprehensive regulatory standards) जारी किये हैं, जिन्हें 1 अगस्त 2023 से लागू किया जाएगा. नए मानकों में बासमती चावल में प्राकृतिक सुगंध विशेषता (natural fragrance characteristic) होनी चाहिए. इनके अनुसार यह कृत्रिम रंग, पॉलिशिंग एजेंट और कृत्रिम सुगंधों से भी मुक्त होना चाहिए. इन नए मानकों का उद्देश्य बासमती चावल के व्यापार में सुधार लाना और घरेलू और वैश्विक स्तर पर उपभोक्ता हितों की रक्षा करना है.
भारत में बासमती की लगभग 35-39 किस्में
भारत में बासमती चावल की लगभग 35-39 विभिन्न किस्में हैं. APEDA के डेटा से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर के दौरान बासमती शिपमेंट बढ़कर 2.73 मिलियन टन (mt) हो गई है, जो 2021-22 में 2.4 मिलियन टन से 13 प्रतिशत अधिक है. स्टॉक की स्थिति में सुधार को देखते हुए सरकार चावल के एक्सपोर्ट पर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों को हटाने पर विचार कर रही है. चालू सीजन (अक्टूबर 2022-सितंबर 2023) में भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियों द्वारा धान की खरीद सोमवार तक 8% बढ़कर 57.4 मिलियन टन (MT) हो गई, जिसने बफर को बढ़ावा दिया है.
बैन हटाने की मांग
CNBC आवाज़ की रिपोर्ट के अनुसार राइस एक्सपोर्टर एसोसिएशन का कहना है कि चावल के एक्सपोर्ट खोलना चाहिए. उनका कहना है कि वाइट राइस पर 20 फीसदी ड्यूटी से चावल एक्सपोर्ट में काफी कमी आय है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सितंबर में टुकड़ा राइस के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. मंत्रालय ने 9 सितंबर से एक्सपोर्ट पर रोक लगाई थी.