पारतुर तालुका के किसान राजेंद्र चोरडिया ने अपने खेत में जेरेनियम नामक औषधीय पौधा लगाया है.
देश की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर हैं लेकिन, मनमौजी स्वभाव और बाजार के गणित के कारण किसानों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कई संकटों के बाद भी कुछ किसान बिना चूके कृषि में प्रयोग करते रहते हैं और एक दिन सफल भी हो जाते हैं. ऐसा ही एक प्रयोग जालना जिले के एक किसान ने किया है. पारतुर तालुका के किसान राजेंद्र चोरडिया ने अपने खेत में जेरेनियम (geranium plant) नामक औषधीय पौधा लगाया है.
क्यों है बाजार में अच्छी डिमांड
इस पौधे से निकाले गए तेल से इत्र और सौंदर्य प्रसाधन बनाए जाते हैं. एक एकड़ कृषि से हर तीन महीने में 8 से 10 लीटर तेल का उत्पादन होता है. इस तेल की बाजार में अच्छी डिमांड है और यह 10 से 12 हजार रुपए प्रति लीटर बिकता है. एक किसान इस खेत से हर तीन महीने में 1 लाख रुपए की कमाई कर सकता है. साल में तीन से चार बार फसल काटी जाती है. यानी जेरेनियम की खेती से तीन से चार लाख की सालाना आमदनी हो सकती है.
जेरेनियम के पौधे तीन से चार फीट तक बढ़ते हैं. इससे निकलने वाले तेल का सौंदर्य प्रसाधन में और बची हुई भूसी से सुगंधित अगरबत्ती बनाई जा सकती है. राजेंद्र चोरडिया ने 50 दिन पहले 5 एकड़ जमीन में जेरेनियम के पौधे लगाए हैं. इसके लिए उन्होंने ढाई से तीन लाख रुपए खर्च किए. उन्होंने पौधों को पानी देने के लिए ड्रिप इरिगेशन की भी व्यवस्था की है.