बाजार में गेहूं के स्टॉक गिरने और नई फसल आने में देरी की वजह से जनवरी के अंत में गेहूं के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गए थे.
जनवरी के महीने में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची गेहूं की कीमतों के जल्द ही नियंत्रित होने का अनुमान है. दरअसल सरकार ने खुले बाजार में बिक्री के तहत गेहूं की सप्लाई को बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है. इसका असर कीमतों पर देखने को मिलने भी लगा है. उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले महीने से गेहूं की नई फसल आने के साथ ही गेहूं की कीमतों में और गिरावट आ सकती है.
खुले बाजार में करीब 9 लाख टन गेहूं की बिक्री
कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत 8.88 लाख टन गेहूं की बिक्री की है. ये बिक्री ई-ऑक्शन के जरिए 22 राज्यों मे की गई. ऑक्शन के पहले दिन 1100 बोलीकर्ताओं ने हिस्सा लिया था. सरकार की योजना के अनुसार नई फसल के आने तक गेहूं की सप्लाई बनाए रखने के लिए मार्च के दूसरे हफ्ते तक हर बुधवार को ई-ऑक्शन के जरिए गेहूं की खुले बाजार में बिक्री की जाएगी, मार्च के मध्य से नई फसल की सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है.
मंत्रालय के मुताबिक करीब दो महीने के अंदर सरकार खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं उतारेगी जिसकी मदद से गेहूं और आटे के कीमतों को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी.