शुरुआती अनुमान के मुताबिक इस सीजन में गेहूं का उत्पादन 4 फीसदी बढ़कर 11.2 करोड़ टन रह सकता है. हालांकि बढ़ती गर्मी से चिंताएं बन गई हैं
फरवरी के महीने में ही गर्मी में बढ़त से गेहूं की फसल पर असर की आशंका की वजह से सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं. दरअसल पिछले साल भी तापमान में समय से पहले बढ़त देखने को मिली थी जिससे गेहूं की पैदावार पर असर पड़ा. इस साल भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा है कि ऐसे में सरकार ने बढ़ते तापमान का फसल पर असर को जांचने के लिए पैनल गठित किया है.
क्या कहा सूत्र ने
रिपोर्ट के मुताबिक सूत्र ने कहा है कि सरकार ने फैसला लिया है कि एक कमेटी गठित की जाएगी जो बढ़ते तापमान का फसल पर असर पर नजर रखेगी और अपने परिणाम देगी. हालांकि सूत्र ने ये भी साफ किया है कि इस साल अभी तक स्थिति नियंत्रण में है. आपको बता दें कि पिछले साल बढ़ती गर्मी को देखते हुए सरकार ने बुवाई के लिए किसानों के ऐसे बीज उपलब्ध कराए थे जो ज्यादा ऊंचे तापमान को भी सह सकते हैं.