मौजूदा दौर में कार खरीदना किसी जंग जीतने से कम नहीं है. सबसे पहले अपने बजट के हिसाब से अपने खर्चे मैनेज करने पड़ते हैं.
कार खरीदने से पहले हमें अपनी सेविंग्स के हिसाब से यह तय करना पड़ता है कि जितना हमारा बजट है उतने पैसे में कौन सी कार आ सकती है और फिर उस हिसाब से मार्केट में मौजूद अच्छी कार की तलाश में हम निकल पड़ते हैं. लेकिन इस दौरान आपने एक चीज जरूर नोटिस की होगी कि इस प्रक्रिया में पैसा बहुत अहमियत रखता है. अक्सर कार खरीदते समय बजट इतना गड़बड़ा जाता है कि हमें आने वाले कुछ दिनों तक भी अपने जरूरी चीजों में भी कटौती करनी पड़ती है. लेकिन अगर हम कुछ स्मार्ट तरीके अपनाएं तो कार खरीदते समय आने वाली फाइनेंशियल परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है.
काफी ज्यादा है कुछ कारों का वेटिंग पीरियड
फिलहाल, कोरोना महामारी के बाद से सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई है. बाकी बची हुई कसर रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरी कर दी है. इसकी वजह से ऑटोमोबाइल मार्केट में कच्चे माल (Raw Material) की बहुत किल्लत है, जिससे कारों का वेटिंग पीरियड बढ़ गया है. कुछ कारों की डिमांड तो इतनी ज्यादा है कि उनका वेटिंग पीरियड 12-24 महीने पहुंच गया है. इस वेटिंग पीरियड में आपके पास पैसे कमाने का शानदार मौका है. कैसे? हम आपको बताते हैं.
आपको कैसे होगा फायदा?
मान लीजिए आपने कोई कार बुक की और उसका उसका वेटिंग पीरियड 18 महीने का है. कार की कीमत 10 लाख है और अपने बुकिंग प्राइस के रूप में 25 हजार रुपये चुका दिए हैं. अभी भी आपके पास 9.50 लाख रुपये बचे हैं. इस शेष पैसे को आप मामूली ब्याज मिलने वाले बैंक अकाउंट में न रखकर इन्वेस्ट करते हैं तो आपको अच्छा-खासा रिटर्न मिल सकता है.