राजीव जैन ने कहा कि उन्होने निवेश से पहले कई जानकारों से सलाह ली और उसके बाद निवेश किया और वो जितने भी बैंकर्स से मिले उनमें से किसी ने भी ‘फ्रॉड’ जैसी कोई बात नहीं कही.
अदाणी ग्रुप की कंपनियों में हाल ही में निवेश करने वाले जीक्यूजी पार्टनर्स के फाउंडर राजीव जैन ने सीएनबीसी टीवी 18 के साथ खास बातचीत में अदाणी ग्रुप कंपनियों में अपने निवेश और प्रमोटर्स के बारे में खुल कर बात की है. उन्होने कहा कि उनका निवेश एक शानदार एसेट है जो कि एक काबिल प्रमोटर के हाथ में है. उन्होने साथ ही साफ किया कि इस निवेश से पहले उन्होने बैंकों से लेकर नियमों की जानकारी रखने वालों से बात की थी और उसके आधार पर ही निवेश का फैसला लिया गया. यही वजह है कि उनके निवेशक इस फैसले से बिल्कुल हैरान नहीं हुए. उन्होने कहा वो नहीं मानते कि ग्रुप में उनके निवेश पर कोई बड़ी रिस्क है.
निवेश के फैसले पर क्या कहा
राजीव जैन ने कहा कि निवेशकों की चिंताओं पर उन्होने निवेश से पहले सभी जरूरी जानकारियां जुटाई और सलाहें लीं. उनके मुताबिक उन्हें नही लगता कि अदाणी ग्रुप बहुत जोखिम भरा दांव है. . अपनी बात रखते हुए राजीव जैन ने कहा कि ये उनका काम है कि सभी बातों की चिंता करें. इसलिए निवेश से पहले हर बात को देखा गया है जिसके बाद फैसला लिया गया और अब वो देखना चाहते हैं कि अगले 5 साल में ये निवेश कहा पहुंचता है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर क्या कहा
राजीव जैन ने कहा कि हमने पूर्व नियामकों से बात की और जितने भी बैंकर्स से चर्चा की उन्होने कभी भी इस मामले में ‘फ्रॉड’ का जिक्र नहीं किया. उनके मुताबिक अगर आप सभी आरोप को देखते हैं और एक एक करके उनकी जांच करते हैं तो पाते हैं कि अधिकतर आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. समस्या है कि अधिकांश लोग आरोपों की जांच को लेकर ठोस सोच के साथ आगे नहीं बढ़ रहे.