एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में भारत में साइबर सिक्योरिटी से जुड़े 13.91 लाख के मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं 40 फीसदी से ज्यादा मामले डिजिटल और साइबर फ्रॉड हैं
अगर आप ऑनलाइन बैंकिंग या ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको पहले से कहीं ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि अब पहले से कहीं ज्यादा रफ्तार के साथ आपके आंकड़े फ्रॉड करने वालों के पास पहुंच रहे हैं इसकी वजह से संभावना है कि अब पहले से ज्यादा संख्या में लोगों की मेहनत की कमाई लूटने की कोशिश हो सकती है. सीएनबीसी टीवी 18 के साथ बातचीत में डेल टेक्नोलॉजीस में डाटा प्रोटेक्शन सॉल्यूशंस के डायरेक्टर रिपु बाजवा ने ऐसी कई चुनौतियां का जिक्र किया और पहले से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत पर जोर दिया.
क्या कहते हैं आंकड़े
बाजवा के मुताबिक सबसे ज्यादा खतरे जानकारियों की चोरी और डिजिटल बैंकिंग से जुड़े हैं. साइबर क्राइम को लेकर दर्ज किए गए मामलों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा मामले डाटाबेस के लीक होने या फिर इनकी चोरी छुपे बिक्री से जुड़े हैं. उनके मुताबिक निकट भविष्य में धोखाधड़ी जिसमें फिशिंग, रेनसमवेयर शामिल है के मामले काफी बढ़ सकते हैं. उन्होने जानकारी दी है कि डिजिटल बैंकिंग में धोखाधड़ी से जुड़े जितने भी मामले सामने आए हैं उनमें से 18 फीसदी वायरस के जरिए किए गए हैं. वहीं रेन्समवेयर का खतरा बढ़ा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 11 सेंकेंड में रेन्समवेयर का एक हमला हो रहा है.
क्या है सबसे बड़ी चिंता