ऑर्गेनाइजेशन डिजिलॉकर को तैयार करने के लिए सरकार सेबी और टैक्स विभाग के साथ काम कर रही है और संभावना है कि मार्च 2023 के अंत तक ये सुविधा काम करने लगेगी
आम लोगों के जरूरी कागजातों को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखने में मददगार डिजिलॉकर की सुविधा अब कॉर्पोरेट्स और बड़े संस्थान भी उठा सकेंगे. दरअसल कॉर्पोरेट स्तर पर जमा लोगों के दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए और तेजी से उसे जरूरत की जगहों और लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार इस दिशा में काम कर रही है. सूत्रों के मुताबिक अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो इस वित्त वर्ष के अंत तक यानि मार्च 2023 तक कंपनियों के लिए ऑर्गेनाइजेशन डिजिलॉकर पेश कर दिया जाएगा.
क्या है सरकार की योजना
सूत्रों के मुताबिक एक ऐसे सिस्टम की जरूरत महसूस की जा रही थी कि जो कागजातों को कानून और टैक्स नियमों की जरूरतों को पूरी करने के लिए संभाल कर रख सके. इसी दिशा में सरकार सेबी और टैक्स विभाग के साथ मिलकर जरूरी कागजातों को डिजिटल तरीके से रखने के तरीके पर काम कर रही है. सूत्र ने जानकारी दी है कि सरकार ने इसके लिए 31 मार्च तक की समय सीमा रखी है और संभावना है कि इस समयसीमा के अंदर ही ऑर्गेनाइजेशंस के लिए अपनी खुद का डिजिलॉकर स्थापित हो जाएगा
क्या है डिजिलॉकर
डिजिलॉकर एक ऐसी सुविधा है जहां कोई भी अपने दस्तावेजों को डिजिटल तरीके से जमा कर सकता है और जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल कर सकता है. ये आधार संख्या से जुड़ा सिस्टम है जहां पर आप ई दस्तावेजों और यूआरआई लिंक को स्टोर कर सकते हैं. फिलहाल इस सेवा का 14 करोड़ से ज्यादा लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. डिजिलॉकर बनाने का मुख्य उद्देश्य कागजातों के इस्तेमाल की प्रक्रिया को आसान बनाना और डिजिटल को बढ़ावा देना है.
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