गुजरात की छोटी मझोली और बड़ी कंपनियों के लिए अच्छी खबर आई है. इंडस्ट्री जहां पहले डबल टैक्सेशन से परेशान थी, उन्हें अब सिंगल टैक्स देना पड़ेगा. इस सिंगल टैक्स में से भी 75% रकम तो उद्योग जगत को वापस लौटाई जाएगी. क्या होगा इससे फायदा?
केतन जोशी
गुजरात में छोटी बड़ी सब इंडस्ट्री डबल टैक्सेशन से परेशान थी, और टेक्स के सामने सुविधा उतनी नहीं मिल रही थी. लोकल ऑथोरिटी हर इंडस्ट्री से हर साल प्रॉपर्टी टेक्स वसूलती थी तो दूसरी और GIDC (गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) सर्विस चार्ज लेती थी. अब राज्य सरकार ने सर्विस चार्ज वसूलना बंद करने का फैसला किया है और जो लोकल ऑथोरिटी टेक्स ले रही है. उनमें से 75% टैक्स की रकम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन को वापस दी जाएगी.
इसका मतलब हुआ कि उद्योग जगत खुद अपना पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर या तो इंडस्ट्री के हित में खर्च कर पायेगी. गुजरात में इस निर्णय से लाखों इंडस्ट्री को फायदा हुआ है. गुजरात में 150 GIDC पर ये नियम लागू होगा. हर साल अमूमन 400 करोड़ अब इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पास पैसा आएगा.
इस मामले पर साणंद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन प्रमुख अजित शाह ने कहा कि "पहले हम दो टैक्स देते थे. इस टैक्स का कोई ज्यादा उपयोग नहीं हो रहा था. सरकार अब जो लोकल ऑथोरिटी हम से सालाना प्रॉपर्टी टैक्स वसूल रही है.