मुंबई के झावेरी बाजार इलाके में ईडी के चार फर्जी अधिकारियों ने एक गोल्ड कारोबारी के यहां छापेमारी की गई. इस छापेमारी में कारोबारी के ऑफिस से ईडी अधिकारियों ने 25 लाख रुपये जब्त करने के साथ-साथ करीब तीन किलोग्राम सोने को अपने साथ लेकर गई है.
शंकर आनंद | ED के अधिकारी बनकर ठगी और लूट करने की कई वारदात सामने आ चुकी हैं. इसको लेकर जांच एजेंसी खुद ईडी के द्वारा जनहित में कई बार आमलोगों और कारोबारियों के लिए सतर्कता बरतने के लिए अलर्ट जारी कर चुकी है. अगर आप इन प्वाइंट्स को ध्यान से पढ़ेंगे तो हो सकता है की आप खुद भी फर्जी जांच या आरोपियों से बच सकते हैं.
ये महत्त्वपूर्ण प्वाइंट्स इस प्रकार से हैं
1. ईडी के सूत्रों के मुताबिक ईडी की टीम कोई सर्च ऑपरेशन करने आती है तो सबसे पहले ईडी के अधिकारी उचित नोटिस/सर्च वारंट लेकर आती है ,जिसे सावधानी से अवश्य देखना चाहिए. असली जांच अधिकारी अपना पहचान पत्र अवश्य दिखाते हैं और अगर आपको कोई शक है तो आप उनके पहचान पत्र की सत्यता को खुद जांच सकते हैं.
2. अगर कोई शख्स अपने आप को किसी जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर कुछ संदिग्ध कार्रवाई करने की कोशिश करता है तो इस मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को भी दे सकते हैं . असली जांच अधिकारी को उससे कोई दिक्कत नहीं होती है .
3. ईडी के अधिकारी सर्च ऑपरेशन के दौरान अक्सर सीबीआई/ ED/NIA लिखा हुआ एक विशेष कपड़े पहनकर आते हैं.
4. ईडी द्वारा कई बार जो पूछताछ का समन भेजा जाता है , उसकी सत्यता को परखने के लिए ईडी के वेबसाइट पर उसे चेक कर सकते हैं. इसके लिए ईडी द्वारा एक वेबसाइट पर एक विशेष कॉलम बनाया हुआ है . जहां से उस समन की सत्याता को पूर्ण रूप से परखा जा सकता है .
5. ED के अधिकारी जब कभी सर्च ऑपरेशन पर जाते हैं तो सबसे पहले जिस आरोपी के यहां सर्च करना होता है. उसे सर्च ऑपरेशन करने के लिए अनुमती वाला डॉक्यूमेंट दिखाते हैं,उसके बाद आरोपी के द्वारा अनुमती लिखित तौर पर प्राप्त के बाद ही सर्च स्टार्ट किया जाता है .
6. सर्च ऑपरेशन के लिए आए जांच आधिकारियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ईडी के निर्देशक संजय मिश्रा और स्पेशल डायरेक्टर मोनिका शर्मा (Monika Sharma, IRS) के नेतृत्व में करीब दो साल पहले ईडी की वेबसाइट पर कई महत्वपूर्ण बदलाव करके उसे ऐसा बनाया गया है की जिससे कोई फर्जीवाड़ा करता है तो उसे आसानी से पहचाना जा सकता है . लेकीन इसके लिए लोगों की सर्तकता विशेष आवश्यक है .
7 . ईडी के वेबसाइट पर देश के सभी ब्रांच ऑफिस का लोकेशन, उससे जुडे़ प्रमुख आधिकारियों के नाम और दफ्तर का लैंडलाइन नंबर उपलब्ध रहता है .अगर किसी भी सर्च के बारे में पुष्टि करना है तो दफ़्तर में फोन करके जाना जा सकता है की आपके घर या दफ्तर में जो जांच एजेंसी के तफ्तिशकर्ता आए हैं वो सही हैं या फर्जी ?
8. सर्च ऑपरेशन के बाद जांच आधिकारियों द्वारा आरोपी पक्ष का हस्ताक्षर लिया जाता है और उनसे एक फार्म भरवाया जाता है की वो उस सर्च ऑपरेशन से संतुष्ट था या नहीं? जांच अधिकारी उस फीड बैक फॉर्म के आधार पर तैयार करना पड़ता है और बाद में उसे एडज्यूडिकेटिंग ऑथोरिटी को भेजना होता है , इसलिए सही वाले जांच अधिकारी आरोपी पक्ष से अवश्य ही हस्ताक्षर करवाएंगे.
9. ईडी हेडक्वार्टर के द्वारा अब तमाम समन को एक विशेष होलोग्राम के साथ तैयार किया गया है , जिसे कोई भी ईडी के वेबसाइट पर उसकी सत्यता जांच सकता है. इसके साथ ही कई ऐसे महत्त्वपूर्ण प्वाइंट हैं,जिसके आधार पर असली या नकली जांच एजेंसी के आधिकारियों की पहचान की जा सकती है.
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