एयरलाइन्स द्वारा अगर किसी यात्री की टिकट को डाउनग्रेड किया जाता है या बिना बताए कैंसल या डिबोर्ड किया जाता है तो अब नियम के मुताबिक कार्रवाई होगी. DGCA ने इसको लेकर अपने सेक्शन 3 में बदलाव किया है.
नागरिक उड्डयन के क्षेत्र की नियामक संस्था डीजीसीए ने अपने सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) सेक्शन-3 (एम सीरीज पार्ट- IV) में संशोधन करने का फैसला किया है. ये सेक्शन यात्रियों के बोर्डिंग से इनकार करने, उड़ान रद्द करने और उड़ानों में देरी जैसे मामलों से जुड़ा है. DGCA के नए संशोधन के बाद अब हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के अधिकारों को मजबूती मिलेगी.
इस बदलाव के बाद अगर कोई एयरलाइन्स टिकट को डाउनग्रेड करती है तो इसके लिए उन्हें हवाई यात्री को उचित मुआवजा देना होगा. नए संशोधन के मुताबिक एयरलाइन्स अगर यात्री की इजाजत के बगैर टिकट को डाउनग्रेड करती है तो उसे तय नियम के मुताबिक उसकी क्षतिपूर्ति करनी होगी. निम्नलिखित नियमों से समझिए कि अगर किसी यात्री की टिकट डाउनग्रेड होती है तो एयरलाइन्स कैसे उसकी भरपाई करेगी.
ये तय हुए हैं नियम
3500 किमी या उससे अधिक की यात्रा में अगर किसी का टिकट डाउनग्रेड होता है तो उसे 75% टिकट का पैसा रिफंड किया जाएगा.
किन परिस्थितियों में मिलेगा रिफंड
DGCA के ये नए नियम न सिर्फ यात्रियों के अधिकारों को मजबूत करेंगे बल्कि उनको क्षतिपूर्ति या मुआवजा दिलाने में भी मददगार साबित होंगे. ये नए नियम टिकट के डाउनग्रेड, बिना बताए टिकट के कैंसल करने, बोर्डिंग से इनकार करने पर भी लागू होंगे. इससे एयरलाइन्स की मनमर्जी पर लगाम लगेगी
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