मरीजों के डेटा की सिक्योरिटी और सभी नियमों का हो रहा है पालन: Tata 1MG के प्रमुख प्रशांत टंडन
Tata 1MG के को- फाउंडर और सीईओ प्रशांत टंडन (Prashant Tandon) ने बताया कि टाटा 1एमजी जैसी ऑनलाइन फार्मेसी डाटा प्राइवेसी के मुद्दे पर ऑनलाइन फार्मेसी को मंजूरी देने के लिए सरकार के साथ जुड़ी हुई है. CNBC-TV18 से बातचीत के दौरान टंडन ने कहा कि सरकार डेटा प्राइवेसी, बिना प्रेस्क्रिप्शन के दवाओं की बिक्री और बेकार कीमत को लेकर चिंतित है. उन्होंने कहा कि मुख्य बात यह है कि ये बहुत नियंत्रित मुद्दे हैं. अगर ऐसी चिंताएं होती हैं, तो हमें इस पर गौर करने की जरूरत है.
सरकार ने गठित की समिति
ई-फार्मेसी कंपनियों के बीच डिस्काउंट के मुद्दे पर टंडन ने कहा कि मूल्य निर्धारण एक प्रतिस्पर्धी बाजार है. यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसके लिए सरकार ने एक समिति गठित की है. प्राइस निर्धारण ग्राहकों के लिए काम करना चाहिए और यह कम होनी चाहिए. Tata 1MG के प्रमुख ने कहा कि कंपनी सरकार के साथ संपर्क में है.
टंडन ने कहा कि ई-फार्मा कंपनियां मुद्दों को बिजनेस अनिवार्यता के रूप में देखती हैं और जोर देकर कहा कि टाटा 1एमजी लोगों के डेटा की गोपनीयता का ख्याल रखती है और सभी मौजूदा नियमों का पालन भी करती है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक टाटा 1एमजी, रिलायंस नेटमेड्स (Reliance NetMeds), फ्लिपकार्ट हेल्थ प्लस (Flipkart Heatlh+) और जैसे बाकी टॉप ई- फार्मेसी कंपनियों को झटका लग सकता है क्योंकि सरकार डेटा गोपनीयता पर चिंता, बिना प्रेस्क्रिप्शन के दवाओं की बिक्री और मूल्य निर्धारण की चिंताओं के बीच ऑनलाइन फार्मेसी के लिए अपनी अनुमति पर यू-टर्न लेने की योजना बना रही है
सरकार ने जारी किया था नोटिस
मालूम हो कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने फरवरी में Tata 1MG सहित कई ई-फार्मेसी कंपनियों को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, क्योंकि वे वैध लाइसेंस के बिना ही शेड्यूल H, H1 और X की बिक्री करते पाए गए थे. टंडन ने कहा कि हम चिंताओं को दूर करना चाहते हैं और समाधान पर पहुंचना चाहते हैं.