टोरेंट ग्रुप सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए अपनी याचिका पेश कर सकता है क्योंकि दिवालिया रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के लिए लेनदारों की समिति (CoC) उस तारीख को दूसरे दौर की बोली लगाने वाली है.
टोरेंट ग्रुप सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए अपनी याचिका पेश कर सकता है क्योंकि दिवालिया रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के लिए लेनदारों की समिति (CoC) उस तारीख को दूसरे दौर की बोली लगाने वाली है. दिवालिया फर्म रिलायंस कैपिटल (RCap) की बोली लगाने वाले टोरेंट ग्रुप (Torrent Group) ने RCap संपत्तियों के लिए दूसरे दौर की नीलामी आयोजित करने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
₹8 640 करोड़ की बोली लगाई थी
कंपनी 20 मार्च को होने वाली नीलामी के दूसरे दौर के आधार पर तत्काल अपील कर सकती है. NCLT ने NCLAT के आदेश को पलट दिया है और सीओसी को विस्तारित नीलामी आयोजित करने की अनुमति दी. 21 दिसंबर 2022 को प्रारंभिक बोली प्रक्रिया समाप्त हो गई. टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने ₹8 640 करोड़ की उच्चतम बोली लगाई थी, लेकिन बाद में हिंदुजा समूह ने ₹8,950 करोड़ की बोली लगाई जो उससे भी अधिक थी.
COC के फैसले को चुनौती देने के लिए टोरेंट ने NCLAT का दरवाजा खटखटाया, NCLAT ने टोरेंट की बोली को बरकरार रखा. सीओसी ने NCLT के फैसले को चुनौती देते हुए NCLAT का रुख किया, NCLAT ने सीओसी को विस्तारित नीलामी के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दी.