एयर इंडिया (Air India) को उड़ानों में लंबी देरी के बारे में यात्रियों की बढ़ती शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है. CNBC TV18 की खबर के मुताबिक जिन उड़ानों में देरी हो रही हैं, उनमें अमेरिका जैसे गंतव्य शामिल हैं.
एयर इंडिया (Air India) को उड़ानों में लंबी देरी के बारे में यात्रियों की बढ़ती शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है. जिन उड़ानों में देरी हो रही हैं, उनमें अमेरिका जैसे गंतव्य शामिल हैं. CNBC-TV18 को मिली जानकारी के अनुसार पायलटों की भारी कमी देरी का सबसे बड़ा कारण है. टाटा द्वारा एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद एयरलाइन बेड़े में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ग्राउंड किए गए कई विमानों की सर्विसिंग की जा चुकी है और उनका इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन अब पायलटों को कमी का सामना करना पड़ रहा है.
एयरलाइन के पास वर्तमान में 114 विमान
एयर इंडिया ने अपनी विस्तार योजनाओं को बढ़ाने के लिए 36 विमानों के लिए लीज समझौते पर हस्ताक्षर किए, इनमें से कई विमानों को भी बेड़े में जोड़ा जा रहा है. जबकि क्षमता का विस्तार किया जा रहा है. एयरलाइन के पास वर्तमान में 114 विमान हैं जिनमें से 68 नैरो बॉडी वाले विमान हैं और 46 वाइड बॉडी विमान हैं, जिनमें 19 बोइंग 777 और 27 बोइंग 787 शामिल हैं.
कितने पायलटों की जरूरत
प्रत्येक 777 को 26 पायलटों की आवश्यकता होती है और 787 को 20 पायलटों की आवश्यकता होती है. जबकि 46 वाइड-बॉडी विमानों को 1,034 पायलटों की जरूरत है. नैरो बॉडी वाले वाले बेड़े के लिए भी यही कैलकुलेशन किया गया है, जहां प्रत्येक विमान को 12 पायलटों की आवश्यकता होती है, इसलिए 68 विमानों को 816 पायलटों की आवश्यकता होती है. इन नंबरों को जोड़ने पर पता चलता है कि एयरलाइन को 114 विमान उड़ाने के लिए 1,850 पायलटों की जरूरत है. लेकिन एयर इंडिया के पास वर्तमान में केवल लगभग 1,600 पायलट हैं.
इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है कि सभी 1,600 पायलट ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं करेंगे, कुछ के उड़ान के घंटे अधिक हो सकते हैं, कुछ बीमार या छुट्टी पर हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि केबिन क्रू में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है. यही कारण है कि उड़ानों में देरी की सबसे अधिक संभावना है.