ADIA के प्राइवेट इक्विटी डिपार्टमेंट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हमाद शाहवान अल धाहरी ने कहा कि Lenskart ने तेजी से खुद को वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी आईवियर कंपनियों में से एक के रूप में स्थापित किया है.
भारत की उभरती हुई चश्मे बनाने वाली कंपनी Lenskart के साथ अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) ने एक डील साइन की है. इसके तहत Lenskart ने ADIA से 4.2 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 500 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
ADIA का निवेश प्राइमरी और सेकेंडरी डील्स का मिश्रण होगा और इसके चलते ADIA Lenskart के सबसे बड़े शरहोल्डर्स में से एक बन जाएगा. इस डील के साथ Lenskart ने पिछले 12 महीनों में लगभग 750 मिलियन अमरीकी डालर का कैपिटल अर्जित किया है. इसी के साथ यह ग्रोथ स्टेज में सबसे ज्यादा फंड्स इकठ्ठा करने वाली कंपनी बन गई है.
बढ़ रही आंखों की बीमारी
Lenskart के फाउंडर और सीईओ पीयूष बंसल ने कहा कि कंपनी की अभी भी ये शुरुआती स्टेज है. आंखों का इलाज अभी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है और मायोपिया की दर तेजी से बढ़ती जा रही है, एशिया के कुछ हिस्सों में तो यह 80-90% के उच्च स्तर को छू रही है. कंपनी अभी भी अपनी शुरुआती स्टेज में है और उन्हें अभी बहुत काम करना है. ADIA कंपनी के लिए एक आदर्श भागीदार के रूप में काम करेगा और उनके लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा. इस निवेश के साथ Lenskart अपने सफर के दूसरे कदम की शुरुआत कर रहा है.
उधर, ADIA के प्राइवेट इक्विटी डिपार्टमेंट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हमाद शाहवान अल धाहरी ने कहा कि Lenskart ने तेजी से खुद को वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी आईवियर कंपनियों में से एक के रूप में स्थापित किया है. इसकी यूनिक टेक्नोलॉजी और लॉन्ग टर्म बिजनेस मॉडल को देखते हुए, ADIA का मानना है कि कंपनी अपने नेतृत्व की स्थिति को मजबूत करने के लिए अच्छी स्थिति में है.
स्टार्टअप बाजार में डील फ्लो धीमी
Lenskart के लिए फंडिंग ऐसे समय में आई है जब भारतीय स्टार्टअप बाजार में डील फ्लो एक्टिविटी काफी धीमी हो गई है. बैन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल भारत में 10 करोड़ डॉलर या उससे अधिक के राउंड की संख्या 50% गिरकर केवल 48% रह गई और उनमें से ज्यादातर को 2022 की पहली छमाही में बंद कर दिया गया है.
एवेंडस कैपिटल इस लेन-देन पर लेन्सकार्ट और उसके शेयरहोल्डर्स का विशेष वित्तीय सलाहकार था. EY ने अकाउंटिंग और टैक्स मामलों पर ADIA के सलाहकार के रूप में जबकि AZB & Partners और Allen & Overy ने ADIA के कानूनी सलाहकार के रूप में काम किया है.