Crude Oil Price: ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन की चिनतों के बीच पिछले सेशन में गिरावट के बाद आज क्रूड की कीमतों में हल्की तेजी देखी गई है.
ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन की चिंताओं के बीच पिछले सेशन में गिरावट के बाद आज क्रूड की कीमतों में हल्की तेजी देखी गई है. चीन में कोविड प्रतिबंधों के हटने के कारण क्रूड की डिमांड में तेजी की उम्मीद के बीच क्रूड की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स पिछले सेशन में 2.3% गिरने के बाद आज 59 सेंट या 0.7% बढ़कर 86.72 डॉलर प्रति बैरल हो गया.
US वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 80.37 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. मंगलवार को अमेरिकी पेट्रोलियम इंस्टिट्यूट के आंकड़ों के मुताबिक 20 जनवरी को समाप्त सप्ताह में अमेरिकी कच्चे तेल के स्टॉक में लगभग 34 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई. यह सोमवार 10 लाख के अनुमान की तुलना में तिगुना था.
चीन की फ्यूल डिमांड में रिकवरी
अमेरिकी एनर्जी इनफार्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के आधिकारिक आंकड़े बुधवार को बाद में जारी किए जाएंगे. उम्मीद है कि चीन की फ्यूल डिमांड साल की दूसरी रिकवर हो जाएगी और मार्केट सेंटीमेंट को सपोर्ट करेगी. एक्सपर्ट ने आने वाले हफ्तों में WTI क्रूड के $75 और $85 प्रति बैरल के बीच कारोबार करने का अनुमान लगाया है.
भारत का रूस से इम्पोर्ट बढ़ा
हालही में जारी एनर्जी कार्गो ट्रैकर Vortexa के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में पहली बार भारत ने रूस से रोजाना करीब 10 लाख बैरल प्रति दिन के हिसाब से कच्चे तेल का आयात किया है. केवल दिसंबर में ही रूस ने भारत को प्रति दिन करीब 11.9 लाख बैरल प्रति दिन कच्चा तेल सप्लाई किया है.
Vortexa की रिपोर्ट की मानें तो नवंबर 2022 में रूस ने भारत को प्रति दिन करीब 9.09 लाख बैरल प्रति दिन के हिसाब से कच्चे तेल की सप्लाई की है. जबकि, अक्टूबर 2022 में ये आंकड़ा 9.35 लाख बैरल प्रति दिन पर था. इसके पहले जून 2022 में रूस ने सबसे ज्यादा 9.42 लाख बैरल प्रति दिन के हिसाब कच्चे तेल की सप्लाई की थी.
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