जीएसटी दरों में राहत के लिए इंतजार करना पड़ा सकता है. दरअसल, जीएसटी दर घटाए जाने की सूरत में जीएसटी काउंसिल को आशंका है कि इससे रेवेन्यू का भारी-भरकम नुकसान हो सकता है. इसके अलावा जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑटो सेक्टर और मिलेट बेस्ड प्रोडक्ट्स पर राहत मिल सकती है. बताते चलें कि आगामी 18 फरवरी (शनिवार) को दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक होनी है. आगे जानते हैं कि इस बैठक में और क्या फैसले संभव हैं.
CNBC आवाज़ को सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सीमेंट पर जीएसटी दरों में कटौती होने की गुंजाईश लगभग कम ही है. सीमेंट पर GST दर को 28% से घटाकर 18% करने से भारी नुकसान हो सकता है. एक अनुमान के मुताबकि, सीमेंट पर जीएसटी दरें घटाने की वजह से रेवेन्यू में सालाना करीब 16,000 करोड़ रुपए का घाटा हो सकता है. ऐसे में इतने भारी-भरकम नुकसान की आशंका के बीच राज्यों में सहमति बनने की गुंजाईश कम है. हालांकि, जीएसटी काउंसिल की बैठक में सीमेंट पर चर्चा संभव है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में और किन मुद्दों पर चर्चा
सीमेंट के अलावा जीएसटी काउंसिल की बैठक में मिलेट बेस्ड प्रोडक्ट्स पर जीएसटी दरों को 18% से घटाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ऑटो सेक्टर में MUV पर सेस बढ़ाने का प्रस्ताव टल सकता है. बता दें कि MUV पर SUV के बराबर कम्पेन्सेशन सेस लगना था. फिलहाल, फिटमेंट कमेटी में इस पर अभी सहमतिन नहीं बन पाई है.
GST को लेकर सीमेंट इंडस्ट्री की मांग क्या है
इंडस्ट्री ने मांग की है कि सीमेंट पर जीएसटी की मौजूदा 28 फीसदी की दर घटा दी जाए. वहीं इंडस्ट्री ने कहा है कि सीमेंट आम लोगों की कमोडिटी है लेकिन उन्हें आईटीसी यानि इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल नहीं होता. दूसरी तरफ निजी क्षेत्र या फिर सरकारें थोक आधार पर सीमेंट का इस्तेमाल करती हैं जिससे उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिल जाता है. इंडस्ट्री ने मांग की है कि जीएसटी दरों में कटौती कर आम लोगों को राहत पहुंचाई जाए.