भारत चीन को पीछे छोड़ने के लिए तैयार है. जल्द ही यह दुनिया में तेल की सबसे ज्यादा मांग वाला देश बन सकता है.
पिछले कुछ समय से दुनियाभर में तेल की मांग में बदलाव आया है. दुनिया बहुत तेजी के साथ ग्रीन एनर्जी की तरफ रुख कर रही है. इसलिए, तेल के मामले में भारत चीन के बाद आखिरी सबसे बड़ा हैंडलर भी साबित हो सकता है. डेटा इंटेलिजेंस फर्म केप्लर के चीफ क्रूड एनालिस्ट विक्टर कैटोना का मानना है कि भारत की मांग 2026 में चीन को पार कर जाएगी. उन्हें यह भी उम्मीद है कि 2036 में भारतीय तेल की मांग अपने चरम पर होगी.
पड़ोसी देशों के मुकाबले ज्यादा है तेल की खपत
भारत की बढ़ती आबादी खपत के साथ-साथ इसकी बढ़ोतरी को कम करने में भी मदद करेगी. बाकी देशों के मुकाबले भारत में लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तरफ कम आकर्षित हो रहे हैं, जबकि चीन में यह मार्केट तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत की रोजाना कच्चे तेल की खपत अपने पड़ोसी देशों की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा है. वैश्विक मांग में गिरावट के बाद कुछ प्रॉफिट हासिल करने के लिए ट्रेडर्स और ऑयल कंपनियां आने वाले सालों में दक्षिण एशियाई देशों पर दांव लगा सकती हैं.
ऑयल मार्केट का प्रमुख है भारत
लंदन में फिच सॉल्यूशंस लिमिटेड की एक सीनियर एनालिस्ट एम्मा रिचर्ड्स ने कहा कि वैश्विक स्तर पर चीन की तेल की मांग बहुत तेजी के साथ कम हो रही है. उन्होंने कहा कि अगले दशक में, कुल उभरते बाजार में तेल की मांग में चीन की हिस्सेदारी लगभग 50% से घटकर 15% हो जाएगी, जबकि भारत की हिस्सेदारी दोगुनी होकर 24% हो जाएगी.