Inflation News : इस देश की सालाना महंगाई दर 100% से ज्यादा पहुंच चुकी है. इसके पहले साल 1991 में यहां महंगाई दर 3,000% से ज्यादा पहुंच चुकी थी.
अर्जेंटीना की वार्षिक महंगाई दर पिछले महीने 100% से ज्यादा हो गई, जो दुनिया की सबसे तेज दरों में से एक है. इस बढ़ती महंगाई की वजह से इस साल राष्ट्रपति चुनाव से पहले अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है. पिछले साल की तुलना में फरवरी में कंज्यूमर प्राइस (उपभोक्ता कीमतों) में 102.5% की तेजी हुई, जो 1991 के बाद से अब तक का महंगाई का सबसे ऊंचा स्तर है.
1991 में 3,000% हाइपर इन्फ्लेशन के चलते अर्थव्यवस्था को करारा झटका लगा था. ब्लूमबर्ग विश्लेषकों के सर्वे के मुताबिक, महंगाई दर में 6% बढ़ने का पूर्वानुमान लगाया गया था. लेकिन हाल ही में जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने में कीमतें 6.6% की दर से बढ़ी.
मांस की कीमतों में सबसे ज्यादा इजाफा
फूड प्राइस (खाद्य कीमतें), अर्जेंटीना के इंफ्लेशन इंडेक्स (मुद्रास्फीति सूचकांक) में सबसे लार्ज कैटेगरी है, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग 10% बढ़ गई, जिससे इन्फ्लेशन रेट में भारी वृद्धि हुई. आंकड़ों से पता चलता है कि मांस की कीमत जिसे अर्जेंटीना की स्टेपल डाइट (मुख्य भोजन) माना जाता है, उसकी कीमत पिछले महीने ग्रेटर ब्यूनस आयर्स मेट्रोपॉलिटन एरिया में 35% तक बढ़ गई.
इतनी महंगाई की क्या है सबसे बड़ी वजह
एड्रियाना डुपिता ब्राजील और अर्जेंटीना की इकोनॉमिस्ट हैं, जिनका कहना है कि "प्राइस कंट्रोल और मजबूत करेंसी के जरिए इसे कम करने की कोशिशों के बावजूद, राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां (लेक्स फिस्कल एंड मोनेटरी पॉलिसी) अर्जेंटीना की मुद्रास्फीति में 100% से ज्यादा की बढ़त के पीछे काफी हद तक जिम्मेदार हैं." संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में नाकामयाब रहने के बाद टॉप दो राजनीतिक पार्टियों के लिए इस साल के राष्ट्रपति चुनावों में वोटरों को लुभाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा. जनता का विश्वास जीतना उनके लिए आसान काम नहीं होगा. पोल्स से पता चलता है कि महंगाई मतदाताओं की सबसे बड़ी चिंता है.
राष्ट्रपति चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा
राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और उनके गठबंधन एक स्पष्ट रणनीति या उम्मीदवार के पीछे एकजुट होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन पूर्व राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री का गठबंधन, जिनकी 2015-2019 की सरकार में महंगाई दर 57% तक गई थी, एक भी उम्मीदवार को लेकर एकमत नहीं हुआ है. अर्जेंटीना की राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में पेसो (Peso) को अमेरिकी डॉलर के साथ बदलने के अपने प्रस्ताव के कारण बाहरी उम्मीदवार जेवियर मिले (Javier Milei) को काफी फायदा मिल रहा है.
आने वाला समय मुश्किल भरा होगा
राजनीति से परे, बढ़ती महंगाई अर्जेंटीना को तबाह कर रही है. इस बात का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस देश में लगभग 40% आबादी गरीबी में जी रही है, उस पर इसका कितना असर पड़ रहा होगा. न तो मैक्री के प्रशासन द्वारा लिया गया बिजनेस-फ्रेंडली नजरिया और न ही करेंसी कंट्रोल की कोशिशें उपभोक्ता कीमतों (कंज्यूमर प्राइस) को नियंत्रण में लाने में कामयाब रही हैं. ऐसे में आना वाला समय अर्जेंटीना के लिए काफी मुश्किल भरा लग रहा है.
तेजी से खराब होती फसल के साथ-साथ तेजी से बढ़ती महंगाई से अर्जेंटीना में मंदी के हालात बन रहे हैं. सरकार द्वारा अपने बजट में 2% की वृद्धि का अनुमान लगाने के बाद विश्लेषकों को अब 2023 में अर्थव्यवस्था में 3% की गिरावट दिखाई दे रही है.