Banking crisis impact on indian it industry : हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे. जी हां, इस वक्त भारतीय IT कंपनियों की हालत कुछ ऐसी ही है.
ग्लोबल बैंकिंग संकट में अमेरिकी और यूरोपीय बैंक तो फंसे ही हैं लेकिन डर का माहौल भारतीय IT कंपनियों में है. दरअसल ग्लोबल बैंकिंग संकट का बड़ा असर भारतीय आईटी कंपनियों पर होगा. कैसे... हम बताते हैं. दरअसल भारतीय आईटी कंपनियां का बड़ा बाजार अमेरिका है. आईटी कंपनियां दुनिया के बड़े बैंक, वित्तीय संस्थानों को आईटी सेवा मुहैया कराते हैं. जाहिर सी बात है अगर ग्लोबल बैंकिंग संकट होगा तो ना सिर्फ आईटी कंपनियों के नए ऑर्डर फंसेंगे बल्कि मौजूदा ऑर्डर के भाव भी बदलेंगे. इसका सीधा असर आईटी कंपनियों के नतीजों पर होगा. बाजार को यही डर सता रहा है. पिछले 6 ट्रेडिंग सत्रों में निफ्टी आईटी इंडेक्स साढ़े 5 परसेंट टूट चुका है.
किस कंपनी का कितना कारोबार
भारतीय आईटी कंपनियों के लिए BFSI यानि बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस एंड इंश्योरेंस कारोबार का बड़ा हिस्सा है. ग्लोबल बैंकिंग संकट की सीधी मार इसी सेगमेंट पर होगी. हिस्सेदारी की बात करें तो TCS की कुल आय का BFSI से करीब 32 परसेंट, इंफोसिस का 29 परसेंट, विप्रो का 35 परसेंट, एचसीएल टेक का 20 परसेंट, टेक महिंद्रा का 16 परसेंट आता है. ये तो हुई दिग्गजों की बात. छोटी-मझौली कंपनियों की बात करें तो LTIMindtree की 37 परसेंट, एम्फसिस की 54 परसेंट, L&T टेक की 36 परसेंट, परसिस्टेंट की 33 परसेंट, कोफोर्ज की 53 परसेंट आय बीएफएसआई से होती है.