भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर और जाने-माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने हाल ही में CNBC-TV18 पर बैंकिंग सेक्टर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की.
CNBC TV18 की एग्जीक्यूटिव एडिटर लता वेंकेटेश ने पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन से मौजूदा बैंकिंग क्राइसिस पर बातचीत की है. इस पूरे मामले पर रघुराम राजन ने बताया कि यह अभी भी बैंकिंग संकट का खेल खत्म नहीं हुआ है, और हमें यह देखने के लिए प्रतीक्षा करनी चाहिए कि बैंकिंग की कहानी कैसे सामने आती है.
सवाल-
मुझे याद है कि आपकी पीएचडी बैंकों पर है और ऐसे टेंशन भरे माहौल में जहां डिपॉजिटर्स, शेयरधारकों और कर्जदारों के बीच तनाव है. खासकर अमेरिकी बैंकिंग क्राइसिस की बात करें तो इस समय सहायता के लिए कौन आगे आएगा?
जवाब-मुझे लगता है कि अमेरिका में, कम से कम, इस समय ऐसा लग रहा है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने सभी बाधाओं को दूर कर लिया है. हर डिपॉजिटर्स को गारंटी दी गई है, जो आमतौर पर इंश्योर्ड नहीं होती हैं.
और दूसरा, बॉन्ड पोर्टफोलियो का यूज कर बैंकों की लिक्वडिटी दी गई है. याद रखें, अमेरिका में चिंता के दो कारण हैं - एक बहुत सारे छोटे और मध्यम बैंक अपने बॉन्ड पोर्टफोलियो पर घाटे पर बैठे हैं, उनमें से कई लंबी अवधि के बॉन्ड रखते हैं. लेकिन फेड रेट के रेट बढ़ाने के साथ इनकी कीमत गिर गई है.
तो उम्मीद है, कि चिंताओं को कम करने के लिए उठाए गए अभी तक तो पर्याप्त है. बेशक, आप जानते हैं, बैंकिंग घबराहट ऐसी चीजें हैं जो होती हैं और आप जानते हैं, अगर मैं एक बड़ी जमा राशि और एक छोटा बैंक होता, तब भी मैं कह सकता था.
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