अप्रैल में RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन दिवसीय बैठक होने वाली है. इस बैठक में एक बार फिर रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट बढ़ाने का फैसला हो सकता है. फेडरल रिजर्व, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने हाल की बैठक में ब्याज दरें बढ़ाया है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि खुदरा महंगाई दर के 6% ऊपर बने रहने और दुनियाभर के अधिकतर केंद्रीय बैंकों के सख्त रुख के बीच भारतीय रिजर्व बैंक भी अगले महीने होने वाली पॉलिसी बैठक में ब्याज दरें 25 बेसिस प्वॉइंट तक बढ़ा सकता है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 3, 5 और 6 अप्रैल को होनी है. इस बैठक में आरबीआई घरेलू और ग्लोबल स्तर पर आर्थिक और वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए फैसला लेगा.
अनुमान है कि इस बार की बैठक में मौद्रिक समिति दो बातों पर खास ध्यान देगा. पहला तो खुदरा महंगाई दर और दूसरा ये फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने हाल में क्या कदम उठाए हैं. खासकर एक ऐसे समय में जब रूस-युक्रेन युद्ध के बाद से वैश्विक सप्लाई चेन में बाधा आई है.
महंगाई पर लगाम लगाना सबसे बड़ी चुनौती
फरवरी की बैठक में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया था, जिसके बाद रेपो रेट 6.50% पर जा पहुंचा है. नवंबर और दिसंबर 2022 में 6% से कम रहने के बाद भी खुदरा महंगाई दर में बीते दो महीने से तेजी ही देखने को मिल रही है. खुदरा महंगाई कम करना आरबीआई के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती है. खुदरा महंगाई दर जनवरी महीने में 6.52% और फरवरी महीने में 6.44% रही है.