बढ़ी हुई ब्याज दर और कच्चे माल के दाम में आए उछाल के कारण देश का टेक्सटाइल कारोबार मुश्किल दौर से गुजर रहा है. दुनिया के बाजार में भी मांग में कमी आई है. ऐसे माहौल में इस सेक्टर को कैसे उभारा जा सकता है वह जानने के लिए पढ़िए यह रिपोर्ट.
देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले टॉप फाइव सेक्टर में टेक्सटाइल भी हैं. कपड़ों की छोटी बड़ी मिल में लाखों लोग रोज़गार पाते हैं. अहमदाबाद में कपड़ा मिल मालिक और अनुपम क्रिएशन के चेयरमैन पी.आर. कांकरिया के मुताबिक "तीन साल पहले बैंकों के कम ब्याज दर के कारण कपड़ों की कई फैक्टरी खुल गई.
जहां 2019 में बैंक से 6.65% की दर से लोन मिल जाता था, वहीं लोन आज बढ़कर 9.55% हो गया. इसका मतलब हुआ कि इंडस्ट्री के ऊपर 3% का अतिरिक्त बोझ पड़ा. इसके अलावा महंगा कोयला, कॉटन के दाम में भारी उठा पटक, केंद्र की टेक्सटाइल सेक्टर के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम का बंद हो जाना, ग्लोबल डिमांड में भारी कमी आना... इन्हीं सभी वजहों से आज इंडस्ट्री परेशान है.
फिर से स्कीम लागू करने की मांग