कमिशन की बैठक में ट्राई की ओर से दी गई सिफारिशें अगर मान ली जाती हैं तो इससे देश के छोटे शहरों को काफी फायदा मिलेगा. इससे छोटे शहरों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट की पहुंच आसान हो जाएगी. अभी देश में लैंडलाइन ब्रॉडबैंड का पेनिट्रेशन मात्र तीन परसेंट है.
डिजिटल कम्युनिकेशन कमिशन की बैठक 17 नवंबर को होने वाली है. बैठक में ट्राई की ब्रॉडबैंड को बढ़ावा देने वाली सिफारिशों को हरी झंडी मिल सकती है. ट्राई ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के लिए लाइसेंस फीस माफ करने की सिफारिश की है. ऐसा माना जा रहा है कि ट्राई की इस सिफारिश को मान लिया जाएगा लेकिन इससे सरकार के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ेगा.
कमिशन की बैठक में ट्राई की ओर से दी गई सिफारिशें अगर मान ली जाती हैं तो इससे देश के छोटे शहरों को काफी फायदा मिलेगा. इससे छोटे शहरों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट की पहुंच आसान हो जाएगी. अभी देश में लैंडलाइन ब्रॉडबैंड का पेनिट्रेशन मात्र तीन परसेंट है. ट्राई की सिफारिशों से इसको काफी फायदा होगा. अभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर 8 फीसदी की लाइसेंस फीस देते हैं.
100 करोड़ का बढ़ेगा बोझ
ट्राई की सिफारिशों से एक तरफ जहां छोटे शहरों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट को बढ़ावा मिलेगा वहीं इससे सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार पर 1000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. ब्रॉडबैंड के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को 8 फीसदी लाइसेंस फीस देनी पड़ती है.