DLF के ग्रुप एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर आकाश ओहरी इन प्रोजेक्ट के बारे में कहा कि The Arbour को लॉन्चिंग से पहले ही लोगों का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. इस जबरदस्त रिस्पॉन्स के बाद ये जरूरी हो जाता है कि इस प्रोजेक्ट का पेपर वर्क भी पूरी तरह से ठीक हो.
कुछ ही दिन पहले गुरुग्राम में लोगों की भारी भीड़ नजर आई थी. ये भीड़ DLF के नए आलीशान प्रोजेक्ट को देखने के लिए जमा हुई थी. इस भीड़ की इमेज खूब वायरल हुई थीं. इस पर अब DLF ने कंफर्मेशन की मुहर लगा दी है. इस कंफर्मेशन के बाद से DLF के शेयरों में 7 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल है. दिल्ली बेस इस रियल इस्टेट कंपनी ने ये भी जानकारी दी है कि Arbour Project के लॉन्च होने के तीन दिन में ही 8 हजार करोड़ रु. की प्री सेल हो चुकी है. इस प्रोजेक्ट की हर यूनिट की कीमत 7 करोड़ रु. तय की गई है.
DLF के ग्रुप एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर आकाश ओहरी इन प्रोजेक्ट के बारे में कहा कि The Arbour को लॉन्चिंग से पहले ही लोगों का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. इस जबरदस्त रिस्पॉन्स के बाद ये जरूरी हो जाता है कि इस प्रोजेक्ट का पेपर वर्क भी पूरी तरह से ठीक हो.
दूसरे भी लग्जरी प्रोजेक्ट्स मौजूद
DLF के अलावा Oberoi Realty, Godrej Properties, Prestige Estates, Macrotech Developers (Lodha) और Sunteck Realty भी लग्जरी प्रोजेक्ट्स के साथ मौजूद हैं. इनके प्रोजेक्ट्स मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरू और अहमदाबाद जैसे शहरों में जारी है. Godrej Properties ने हाल ही में वडाला में बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है.
मुंबई में भी लग्जरी प्रोजेक्ट
मुंबई की वडाला लोकेशन पर शुरू हुए प्रोजेक्ट की शुरुआती सेलिंग प्राइज तीन करोड़ रु के आसपास हो सकती है. वाशी और नवी मुंबई में कीमत ढाई करोड़ रु. तक हो सकती है. बैंगलुरू बेस्ड Prestige Estates ने भी लग्जरी प्रोजेक्ट के साथ मुंबई में एंट्री ले ली है. ये कंपनी बांद्रा, BKC, महालक्ष्मी और मुलुंड में आलीशान फ्लैट तैयार कर रही है. जिसकी कीमत 2 से 10 करोड़ रु. की रेंज में हो सकती है.
स्टार्टअप शुरू करने वाले लोग और कंपनी प्रमोटर अपना टैक्स बचाने के लिए या कंपनी में अपने शेयर या हिस्सेदारी बेचने के बाद खरीदारी के लिए सबसे पहले आगे आए हैं. इसका एक कारण एक अप्रैल से लागू होने वाले नए कैपिटल गेन टैक्स भी हो सकते हैं.
इस साल के यूनियन बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये ऐलान किया था कि सेक्शन 54 और 54 F के तहत 10 करोड़ रु. तक ही छूट दी जाएगी. अब तक नियम था कि किसी लॉन्ग टर्म एसेट (जिसमें घर भी शामिल है) से हुई इनकम को टैक्स से बाहर रखा जाएगा. बशर्ते उससे मिली राशि को किसी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में ही इन्वेस्ट किया जाता है.