भारत बॉन्ड ईटीएफ अप्रैल 2023 और फंड ऑफ फंडस् दोनो ही दिसंबर 2019 में लॉन्च किए गए थे और इन्होने अपने निवेशकों को अपनी शुरुआत के बाद से 6.5 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है
भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के पहले टार्गेट मैच्योरिटी फंड भारत बॉन्ड 2023 को इस सीरीज की अगली स्कीम के साथ मर्ज करने का फैसला लिया गया है. भारत बॉन्ड 2023 अगले महीने मैच्योर हो रहा है. एडसवाइस म्यूचुएल फंड ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि भारत बॉन्ड ईटीएफ 2023 और फंड ऑफ फंड्स को भारत बॉन्ड ईटीएफ 2025 के साथ विलय कराने का फैसला लिया गया है. जो की सीरीज की अगली स्कीम है. सेबी ने इस विलय को मंजूरी दे दी है. अगर आप भी इस बॉन्ड के एक निवेशक हैं तो समझें इस विलय की प्रकिया और फायदों के बारे में .
क्या है निवेशकों के लिए इसके मायने
निवेशकों के लिए इसका मतलब है कि उन्हें अपने निवेश को आगे बढ़ाने का मौका मिल रहा है. इस मर्जर प्रक्रिया की वजह से उनके निवेश को लगातार चलने वाला निवेश माना जाएगा जिससे निवेशक एक निवेश की मैच्योरिटी और नए निवेश के लिए जरूरी कई तरह प्रक्रियाओं और नियमों से बच सकेंगे. हालांकि जो निवेशक निवेश को आगे नहीं ले जाना चाहते उन्हें एग्जिट ऑप्शन दिया जाएगा. मौजूदा स्कीम अपनी 12 अप्रैल 2023 की मैच्योरिटी की तारीख से 2 दिन पहले डीलिस्ट हो जाएगी जिसके बाद निवेश को आगे बढ़ाने वाले इस प्रकिया पर सहमति देकर अगली स्कीम का हिस्सा बन सकते हैं.
क्या है स्कीम की खास बातें
भारत बॉन्ड ईटीएफ अप्रैल 2023 और फंड ऑफ फंडस् दोनो ही दिसंबर 2019 में लॉन्च किए गए थे और इन्होने अपने निवेशकों को अपनी शुरुआत के बाद से 6.5 फीसदी सालाना रिटर्न दिया है. ईटीएफ का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 7800 करोड़ रुपये का है और फंड ऑफ फंड्स का एसेट 4200 करोड़ रुपये का है.
फंड हाउस ने कहा है कि भारत बॉन्ड ईटीएफ 2023 और भारत बॉन्ड एफओएफ के निवेशकों को इस मर्जर की मदद से आगे भी ऊंचे रिटर्न पाने में मदद मिलेगी और उन्हें इंडेक्शेसन का अतिरिक्त फायदा मिलेगा जिससे टैक्स बोझ घटेगा. फंड हाउस के मुताबिक निवेशकों को इस बारे में जानकारी भेज दी गई है.