Budget 2023: एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार को बजट 2023 स्लैब दरों में बदलाव करना चाहिए, जिससे एम्प्लॉयड टैक्सपेयर्स को कुछ राहत मिल सके. भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को लोकसभा में बजट पेश करेंगी.
2023 के बजट पेश होने में अब तीन हफ्तों से भी कम समय बचा है और इस बार इसमें क्या-क्या बदलाव होने की संभावनाएं हैं, इसको लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं. इनकम टैक्स बजट के महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है और हर साल इसके रेट्स या स्लैब्स में बदलाव किए जाते है. लेकिन कारोबारी साल 2017-18 से इनकम टैक्स की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, इस बीच फरवरी 2020 में नई टैक्स सिस्टम व्यवस्था पेश की थी, जिसे अभी तक 10-12% के बीच टैक्सपेयर्स ने अपनाया है.
इनकम टैक्स को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार को बजट 2023 स्लैब दरों में बदलाव करना चाहिए, जिससे एम्प्लॉयड टैक्सपेयर्स को कुछ राहत मिल सके. भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को लोकसभा में बजट पेश करेंगी.
टैक्स स्लैब को लेकर क्या है सरकार से मांग?
फिलहाल इनकम टैक्स प्रावधानों के अनुसार, एक व्यक्ति को स्लैब दरों के आधार पर टैक्स का भुगतान करना जरूरी है. भारत में 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय के लिए सबसे ज्यादा स्लैब दर (सरचार्जे और सेस को शामिल करने के बाद) 42.74% है. डेलॉइट इंडिया के पार्टनर तापती घोष चाहते हैं कि 30% की उच्चतम टैक्स दर को घटाकर 25% किया जाए और उच्चतम टैक्स दर की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाए. इसलिए, प्रस्तावित उच्चतम स्लैब दर (सरचार्ज और सेस) को घटाकर 35.62% किया जा सकता है.