सबसे पहले आपको कैपिटल गेन टैक्स के बारे में बताते हैं. अगर आपने शेयर खरीदा या फिर किसी म्युचुअल फंड में पैसा लगाया और उसे एक साल के अंदर ही बेच दिया. तब आपको उससे हुई कमाई पर टैक्स देना होगा. आपको 15 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. चाहे आपका टैक्स स्लैब कोई भी हो. चाहे आप जीरो टैक्स में आते हों या फिर 30 फीसदी टैक्स वाले स्लैब में आते हैं, आपको शेयर या म्युचुअल फंड से होने वाली कमाई पर 15 फीसदी टैक्स देना होगा.पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स बहुत ही आसान था. इसमें अगर आपने 1 साल तक कुछ नहीं बेचा तो कुछ भी टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन साल 2018 के बाद सरकार ने इसमें कुछ बदलाव किए हैं. इसमें अब सरकार ने स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई को भी शामिल कर लिया है.
शॉर्ट टर्म के लिए अलावा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स भी देना होता है-
लॉन्ग टर्म में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी पर आपने मुनाफा कमाया है तो टैक्स चुकाना होगा. इसे ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है. यह देश में पहले से ही मौजूद रहा है.
अपने देश में अगर शेयर बाजार में 1 साल से ज्यादा के लिए निवेश करते हैं तो निवेश करने पर यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के दायरे में आता है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 फीसदी है. 1 लाख तक लॉन्ग टर्म गेन टैक्स फ्री है. इस तरह होल्डिंग पीरियड के आधार पर कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है.
2018 से यह पहली बार स्टॉक मार्केट पर लगा है. इससे पहले यह प्रॉपर्टी समेत कई चीजों पर लगता रहा है. अलग-अलग सेगमेंट के हिसाब से लॉन्ग टर्म का कैलकुलेशन अलग-अलग होता है.
अब आपको नए नियमों के बारे में बताते हैं...
6 जनवरी 2023 को CBDT ने एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें बताया गया है कि कोरोना के दौरान सेक्शन 54 से 54 जी तक के लिए अप्रैल से सितंबर में कंप्लाइंस को आगे बढ़ा दिया गया है. अगर आसान शब्दों में कहें तो इसमें मिलने वाली छूट को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है.
नए फैसले के तहत 54 से लेकर 54 जी बी तक छूट मिलेगी. इसके बीच वाले सेक्शन में हाउसिंग, प्रॉपर्टी, बॉन्ड्स वाले सेक्शन आते है.
अप्रैल 2021 से लेकर फरवरी 2022 तक के कंप्लायंस के लिए 31 मार्च 2023 तक एक्सटेंशन रहेगा. मतलब साफ है कि इस बीच के समय वाले लोगों को छूट मिलेगी.