खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2005 (Food Safety and Standards Act, 2005) के तहत उपभोक्ता शिकायतों का निवारण करने के लिए कई प्रावधान हैं. भोजन की गुणवत्ता या सेवा में गड़बड़ी जैसी किसी भी बात के लिए आप यहां अपनी आवाज उठा सकते हैं.
अक्सर लोगों को नए नए रेस्टोरेंट में जाकर अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद लेने में मजा आता है. अलग-अलग प्रकार का खाना लोगों को खूब आकर्षित करता है लेकिन कई बार यह प्रयोग उल्टा भी पड़ जाता है. ऐसा आपकी साथ भी कभी हुआ होगा जब आप रेस्टोरेंट गए हो लेकिन वहां आपको खाने की क्वालिटी या रेस्टोरेंट की सर्विस पसंद नहीं आई हो. इसलिए ये बेहद जरूरी है कि आपको इस स्थिति में अपने अधिकारों के बारे में पता हो ताकि आप इसकी सही जगह शिकायत कर सकें.खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2005 (Food Safety and Standards Act, 2005) के तहत उपभोक्ता शिकायतों का निवारण करने के लिए कई प्रावधान हैं. भोजन की गुणवत्ता या सेवा में गड़बड़ी जैसी किसी भी बात के लिए आप यहां अपनी आवाज उठा सकते हैं.
क्या कहता अधिनियम
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 31 के तहत हर एक रेस्टोरेंट मालिक को खाद्य बिजनेस संचालित करने के लिए खाद्य लाइसेंस (Food license) लेना अनिवार्य है. रेस्टोरेंट मालिक को नामित अधिकारी के सामने एक आवेदन जमा करके लाइसेंस के लिए आवेदन करना जरूरी है.
अगर कोई रेस्टोरेंट मालिक बिना फूड लाइसेंस के संचालन कर रहा है तो उस मामले में मालिक को छह महीने की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 54 के तहत ऐसे मामलों में अधिकतम एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है जहां भोजन में कोई बाहरी या अनुचित पदार्थ पाया जाता है. साथ ही अगर कोई रेस्टोरेंट मालिक गंदे और अनहेल्दी किचन में खाना बना रहा है तो जुर्माना एक लाख रुपए तक बढ़ाया जा सकता है.
ऐसे दर्ज कराएं अपनी शिकायत
यदि आपको इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो आप इन स्टेप्स की मदद से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं -
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