इसके साथ ही एसेट अंडर मैनेजमेंट में घरेलू इक्विटी का हिस्सा 35 फीसदी से कम रखने वाले फंड्स को इंडेक्सेशन का भी फायदा नहीं मिलेगा.
म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ी खबर है. सरकार ने आज फाइनेंस बिल 2023 लोकसभा में पास कर दिया है. फाइनेंस बिल में म्यूचुअल के लिए नया प्रस्ताव लाया गया है जो कि कैपिटल गेंस टैक्स से जुड़ा है. इसे लोकसभा में पास कर दिया गया है. इस प्रस्ताव से डेट म्यूचुअल फंड को मिल रही टैक्स राहत खत्म हो सकती है.
क्या है प्रस्ताव
सरकार ने घरेलू इक्विटी में सीमित निवेश करने वाले फंड्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का फायदा न देने का फैसला लिया है. आज फाइनेंस बिल के पास होने के बाद सरकार ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है. संशोधन के मुताबिक ऐसे म्यूचुअल फंड जिनके एसेट अंडर मैनेजमेंट में घरेलू इक्विटी का हिस्सा 35 फीसदी से कम है उन पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के आधार पर टैक्स लगाया जाएगा. इसके साथ ही एसेट अंडर मैनेजमेंट में घरेलू इक्विटी का हिस्सा 35 फीसदी से कम रखने वाले फंड्स को इंडेक्सेशन का भी फायदा नहीं मिलेगा.
इस फैसले का सीधा असर डेट फंड पर पड़ेगा, क्योंकि वे अपने पोर्टफोलिया का अधिकांश हिस्सा डेट इंस्टूमेंट्स में रखते हैं. और 35 फीसदी से कम इक्विटी हिस्सेदारी वाले फंड्स का अधिकांश हिस्सा डेट फंड्स की ही होता है.