Finance Bill 2023: डेट म्युचुअल फंड पर हुए प्रॉफिट को Short Term Capital Gains के तौर पर मानने और इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटाने से इन प्रोडक्ट का आकर्षण काफी हद तक कम हो सकता है.
Finance Bill 2023:
फाइनेंस बिल 2023 में हुए बदलाव की वजह से इंटरनेशनल फंड, गोल्ड फंड और फंड्स ऑफ फंड्स (FoF) भी प्रभावित होंगे. नए बदलाव के मुताबिक उन म्युचुअल फंड से होने वाले बेनिफिट, जिसमें भारतीय कंपनियों के इक्विटी शेयरों में 35 प्रतिशत से ज्यादा का निवेश नहीं किया जाता है, उन्हें 1 अप्रैल 2023 से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा.
इंडिविजुअल इन्वेस्टर एलोकेशन
फरवरी के महीने में डेट म्यूचुअल फंडों ने 13,815 करोड़ रुपए का एक बड़ा आउटफ्लो देखा. क्योंकि इन्वेस्टर्स ने शॉर्ट और लॉन्ग टर्म के फंडों के बीच अपने एलोकेशन में फेरबदल की. अब तक एवरेज एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) FY23 में 7.9 लाख करोड़ रुपए है. वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 21 में यह क्रमशः 10.3 लाख करोड़ रुपए और 9.3 लाख करोड़ रुपए था. इंडिविजुअल इन्वेस्टर एलोकेशन वित्त वर्ष 23 में अब तक 14 प्रतिशत रहा है. 2022 और 2021 में यह क्रमशः 15 प्रतिशत और 22 प्रतिशत था. इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के मामले में मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में अब तक डेट फंड 34 प्रतिशत पर हैं.
अब क्या होगा?
AKM ग्लोबल में टैक्स मार्केट के हेड येशु सहगल का मानना है कि डेट फंड एक इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के तौर पर अपना प्रभाव खो देंगे और इन्वेस्टर फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) जैसे विकल्पों को निवेश करने के लिए चुन सकते हैं. टैक्सेशन बेनिफिट की वजह से इंडस्ट्री लॉन्ग टर्म डेट फंडों से इक्विटी-ओरिएंटेड फंड की तरफ इन्वेस्टर्स का झुकाव देख सकती है.