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New Income Tax Slabs 2023-24: अब 7 लाख रुपये तक नहीं देना होगा टैक्स

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New Income Tax Slabs 2023-24: नई टैक्स व्यवस्था के तहत वित्त मंत्री ने टैक्स छूट का ऐलान किया है और छूट की सीमा को बढ़ा दिया गया है. वहीं टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है

: New Income Tax Slabs 2023-24: बजट में मिडिल क्लास को सरकार ने बड़ा गिफ्ट दिया है. सालों से टैक्स छूट की मांग को मानते हुए वित्त मंत्री ने बजट में नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स छूट का दायरा बड़ा दिया है. वहीं टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए गए हैं. इस पूरी कवायद का मकसद मध्यम आय वर्ग को टैक्स से राहत प्रदान करना है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस कदम से आम लोगों को काफी राहत मिलेगी.

क्या है टैक्स को लेकर बजट के ऐलान
नई टैक्स व्यवस्था के तहत 87ए के तहत में छूट की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़कर 7 लाख रुपये की गई है.  यानि ऐसे करदाता जिनकी आय 7 लाख रुपये से नीचे है और अगर वे नई टैक्स व्यवस्था का चुनाव करते हैं तो उन्हे टैक्स नहीं देना होगा.
वहीं बेसिक छूट की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का ऐलान किया गया है.टैक्स स्लैब की संख्या 6 से घटाकर 5 की गई है.
जिसमें 0- 3 लाख पर टैक्स शून्य रहेगा, 3-6 लाख की आय पर टैक्स 5 प्रतिशत होगा, 6-9 लाख की आय पर 10 प्रतिशत का टैक्स होगा, 9-12 लाख की आय पर टैक्स 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर आय पर टैक्स 30 प्रतिशत रहेगा.
नई टैक्स व्यवस्था में सरचार्ज की अधिकतम दर को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया गया है.नई टैक्स व्यवस्था के साथ पुरानी व्यवस्था भी जारी रहेगी, अगर आप खुद कोई व्यवस्था का चुनाव नहीं करते हैं तो आप खुद ही नई व्यवस्था में शामिल हों जाएंगे.
लेकिन अगर आप निवेश करते हैं और उसका फायदा उठाना चाहते हैं तो आपको पुरानी व्यवस्था का चुनाव करना पड़ेगा.
क्या होगा करदाताओं पर असर-बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक बजट के प्रावधान मध्यम वर्ग के साथ साथ एचएनआई दोनो के लिए ही राहत की खबर लेकर आए हैं. 7 लाख रुपये की आय के टैक्स फ्री होने की वजह से इन आय वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी. वहीं नई व्यवस्था में 7 से 15 लाख के बीच आय वर्ग के लिए टैक्स की दरें कम हो जाएंगी.  आदिल शेट्टी के मुताबिक के करदाताओं को अब देखना होगा कि उन्हें किस टैक्स व्यवस्था में ज्यादा फायदा हो रहा है.  पुरानी व्यवस्था में करदाताओं को डिडक्शन के फायदे मिलते रहेंगे. हालांकि नई व्यवस्था में ऐसा कोई फायदा नहीं है
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