सूत्रों के अनुसार इनकम टैक्स विभाग के रडार पर 30 हजार से ज्यादा हाई वैल्यू वाले टैक्सपेयर्स हैं. इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि आय छुपाने या कम आय दिखाने को लेकर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
अब अपनी आय छुपाने या कम आय दिखाने को लेकर इनकम टैक्स विभाग (Income tax department) सख्त एक्शन ले सकता है. सूत्रों के अनुसार इनकम टैक्स विभाग के रडार पर 30 हजार से ज्यादा हाई वैल्यू वाले टैक्सपेयर्स हैं. इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि आय छुपाने या कम आय दिखाने को लेकर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. इससे पहले इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स को ई-वैरिफिकेशन सिस्टम के जरिए जवाब देने का मौका दिया था.
2019-20 के 68000 मामलों को चुना
इस मामले में इनकम टैक्स विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर वित्त वर्ष 2019-20 के 68000 मामलों को चुना था. Annual Information System (AIS) में सभी को Query भी भेजी गई थी. जानकारी के अनुसार अभी तक इस मामले में करीब आधे यानी 35000 मामलों का निपटारा किया जा सका है. बाकी 33000 टैक्सपेयर्स ने आयकर विभाग के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.
क्या है ई-वैरिफिकेशन स्कीम का उद्देश्य ?
ई-वैरिफिकेशन स्कीम का उद्देश्य टैक्सपेयर्स के साथ ऐसे वित्तीय लेन-देन को शेयर करना और वैरिफिकेशन करना है जो टैक्सपेयर्स द्वारा दायर ITR में या तो अनरिपोर्टेड या अंडर-रिपोर्टेड प्रतीत होता है.