अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि अगर कोई व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में 5 लाख से ज्यादा प्रीमियम जमा करता है तो, उससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा. इसमें ULIP प्लान को शामिल नहीं किया गया है. जो इंश्योरेंस पॉलिसी 31 मार्च 2023 तक जारी की जाएगी, उसपर भी यह नियम नहीं लागू होगा. इसके बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. इन सभी सवालों के जवाब हम आपको आज देंगे.
पहले क्या था नियम और क्या होने वाला है? सीएनबीसी आवाज़ के खास शो टैक्स गुरू में जाने-माने टैक्स एक्सपर्ट मुकेश पटेल जी ने जवाब देते हुए बताया कि इनकम टैक्स एक्ट 1010डी के दायरे में इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम आते है. उन्होंने आगे बताया कि कुल पॉलिसी की वैल्यू से अगर इंश्योरेंस के प्रीमियम की रकम 10 फीसदी से ज्यादा नहीं है तो जब आपकी पॉलिसी मैच्योर होगी तो उस रकम पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा.
इस नियम में प्रीमियम को लेकर कोई सीमा नहीं थी. 5 लाख 10 लाख या 25 लाख रुपये. कितना भी प्रीमियम जमा किया जा सकता है. नए नियम जो कि 1 अप्रैल 2023 से लागू हो रहे हैं. उसमें कहा गया है कि आपकी पुरानी पॉलिसी को लेकर कोई चेंज नहीं होगा.
लेकिन 1 अप्रैल 2023 से खरीदी गई पॉलिसी. जिसका प्रीमियम 5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा होगा तो मैच्योरिटी पर आपको उसकी रकम पर कोई छूट नहीं मिलेगी.
अब यहां पर ये सवाल उठता है कि 5 लाख रुपये का कैल्युलेशन कैसे होगा?
अगर किसी ने 2 -2 लाख रुपये वाली तीन पॉलिसी ली हैं तो क्या होगा?
मुकेश पटेल बताते हैं कि ऐसे में 5 लाख रुपये तक के प्रीमियम तक की मैच्योरिटी पर कोई टैक्स नहीं होगा. इसके बाद नए नियम के तहत टैक्स वसूला जाएगा.
लेकिन इसमें एक शर्त ये भी लगाई गई हैं कि मिस हैपनिंग (बुरा वक्त आने पर यानी मृत्यु या फिर एक्सीडेंट होने पर) पर इसमें छूट दी जाएगी. डेथ पर मिलने वाली रकम पर कोई टैक्स नहीं लागू होगा.