भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) का '2047 तक सभी के लिए बीमा' अभियान वित्तीय रूप से मजबूत राष्ट्र बनाने के देश के लक्ष्य को साकार करने में एक अनिवार्य भूमिका निभा रहा है.
प्रशांत त्रिपाठी
वैश्विक स्तर पर आर्थिक ताकत बनकर उभरने का भारत का संकल्प आत्मनिर्भरता और आर्थिक मजबूती रूपी दो आधार स्तंभों पर टिका है. दुनियाभर में मैक्रोइकनॉमिक्स के क्षेत्र में नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, ऐसे में बीमाकर्ता और पुन:बीमाकर्ता (रीइंश्योरर्स) अर्थव्यवस्था को बाहरी झटकों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. बीमा उद्योग की अद्वितीय क्षमता सभी मोर्चों पर न केवल जोखिम कम करके बल्कि पूंजी बाजारों को प्रेरित करके देश की प्रगति की नींव रखती है. इसे देखते हुए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) का '2047 तक सभी के लिए बीमा' अभियान वित्तीय रूप से मजबूत राष्ट्र बनाने के देश के लक्ष्य को साकार करने में एक अनिवार्य भूमिका निभा रहा है.
ऐसे सुधार जो निवेश और विकास को बढ़ावा देंगे
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) का बीमा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए नए विचारों और सक्रियता से भरा दृष्टिकोण न सिर्फ अनुकरणीय है बल्कि यह नई पहल करने की इसकी प्रभावी सक्रियता का भी सूचक है. बीमा क्षेत्र में आईआरडीए के सुधारों में बीमा उत्पादों तक पहुंच में विस्तार करना, इन्हें किफायती बनाना और उद्योग का विकास करना भी शामिल है. जहां सुधारों की मौजूदा प्रक्रियाओं से उद्योग को बढ़ावा मिला है, वहीं देश में बीमा की पैठ बढ़ाने के लिए निम्न उपाय काफी महत्वपूर्ण हैं.
1. प्रोडक्ट इनोवेशन
सभी के लिए 2047 तक बीमा की उपलब्धता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, मौजूदा समय में बीमाकर्ताओं पर अपने ग्राहकों की जरूरतों को समय-समय पर विशेष समाधानों के साथ समझने की कहीं अधिक जरूरत है. आज के तेजी से बढ़ते बाजार में आईआरडीएआई के यूज एंड फाइल फ्रेमवर्क से नई पेशकशों को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है. साथ ही बीमाकर्ता को भी नए प्रोडक्ट्स तैयार करने और कम अवधि की बीमा योजनाओं को बाजार में पेश करने की आजादी मिलती है.