पीपीएफ पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम देश में काफी लोकप्रिय है. जनवरी-मार्च तिमाही के लिए पीपीएफ में किए निवेश पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. सरकार हर तिमाही यानी तीन महीने के लिए ब्याज दरें तय करती है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) निवेश और टैक्स बचाने के लिए बहुत से लोगों का पसंदीदा विकल्प है. EEE (एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट) स्टेट्स के साथ इसमें निवेश टैक्स फ्री है, मिलने वाला ब्याज टैक्स मुक्त और निकासी के बाद मिलने वाली रकम भी कर मुक्त है.
PPF अकाउंट खोलने वाले साल के बाद 5 साल तक इस खाते से पैसा नहीं निकाला जा सकता है. ये अवधि पूरा होने के बाद फॉर्म 2 भरकर पैसा निकाला जा सकता है.
हालांकि 15 साल साल पहले पैसा निकालने पर आपके फंड से 1% की कटौती की जाएगी. यानी आप 5 साल बाद पैसे निकाल सकते हैं.
SBI की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक- कोई व्यक्ति जिसने पीपीएफ खाता खुलवाया है वो फाइनेंशियल ईयर यानी एक अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होता है. इस दौरान 500 रुपये लेकर 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकता है. इस रकम पर उसे इनकम टैक्स एक्ट 80सी के तहत टैक्स छूट मिलेगी.
एसबीआई ने बताया हैं कि ब्याज की गणना न्यूनतम बैलेंस (पीपीएफ खाते में) पर महीने के 5वें दिन से अंतिम दिन के बीच की जाती है और हर साल 31 मार्च को इसका भुगतान किया जाता है.
समय से पहले कब बंद किया जा सकता है खाता-
एसबीआई ने बताया कि एक खाताधारक या किसी नाबालिग या अस्वस्थ मानसिक स्थिति के व्यक्ति जो अभिभावक है, का खाता लेखा कार्यालय को फॉर्म-5 में आवेदन करने पर निम्नलिखित कारणों से समय पूर्व बंद करने की अनुमति दी जाएगी, जैसे कि
i) खाताधारक, उसके पति या पत्नी या आश्रित बच्चों या माता-पिता का गंभीर बीमारियों से उपचार कराने के लिए, जिसके लिए उस बीमारी की पुष्टि करने वाले संबंधित दस्तावेज
ii) खाताधारक या आश्रित बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए, जिसके लिए भारत या विदेश के मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थान में प्रवेश की पुष्टि संबंधी दस्तावेज तथा फीस की रसीदें प्रस्तुत करने होंगे.
iii) खाताधारक के निवासी स्टेटस में परिवर्तन होने पर, जिसके लिए पासपोर्ट और वीजा या आयकर रिटर्न की प्रति प्रस्तुत करनी होगी.