यह न्यू फंड ऑफर (NFO) 9 फरवरी, 2023 को खुल गया. 15 फरवरी, 2023 को बंद होगा. इसके आवंटन की तारीख 20 फरवरी, 2023 है और पहली एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) की तारीख 21 फरवरी, 2023 है. निवेशक 21 फरवरी, 2023 से ईटीएफ की यूनिट को स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा सकते हैं. जहां ईटीएफ लिस्ट होगा. फंड का मैनेजमेंट एसेट म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर रितेश पटेल के पासा है. एनएफओ के दौरान, एक निवेशक को कम से कम 5,000 रुपये निवेश करना होगा.
नए फंड की खास बातें-
2023 में, महंगाई और ब्याज दरों के जरिए आरबीआई जैसे सेंट्रल बैंक के फैसलों को प्रमुख गोल्ड ड्राइवर के रूप में माना जा सकता है. यह लॉन्च ऐसे समय में हुआ है, जब दुनियाभर में महंगाई समेत कई परेशानियां सामने खड़ी है. जिसके चलते सोना दूसरे ऑप्शन की तुलना में निवेश के लिए सुरक्षित विकल्प बन जाता है. ऐसे में एसेट अलोकेशन के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में निवेशकों द्वारा सोने का मूल्यांकन किया जा सकता है.
गोल्ड ईटीएफ में निवेश क्यों करें:
सोने में निवेश के लिए ईटीएफ अपेक्षाकृत कम लागत वाला और आसान विकल्प है, क्योंकि यह स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की तरह ही खरीदने और बेचने की सुविधा देता है.
गोल्ड ईटीएफ में भौतिक सोना रखने की तुलना में चोरी का कोई जोखिम नहीं है, क्योंकि गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के डीमैट खातों में रखे जाते हैं.
सोने की शुद्धता के घटने का कोई खतरा नहीं है. गोल्ड ईटीएफ में 1 यूनिट भी निवेश कर सकते हैं, जहां 1 यूनिट का मतलब है करीब 0.01 ग्राम सोना.
मिरे एसेट गोल्ड ईटीएफ में निवेश क्यों करना चाहिए?
सोना समय-समय पर एक विश्वसनीय एसेट क्लास साबित होता है, जिसने लंबी अवधि में लोगों को सुरक्षा देने के साथ निवेशकों की दौलत में इजाफा किया है.
सोने और अन्य एसेट क्लास मसलन इक्विटी या मार्केट से जुड़े विकल्पों के बीच पारस्परिक संबंध कम होने से यह निवेश से जुड़े जोखिम को कम करता है और पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने में मदद करता है.
सोना महंगाई के खिलाफ सुरक्षा देने का काम करता है और बाजार में उथल-पुथल के दौरान अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश के रूप में जाना जाता है.
ईटीएफ अपेक्षाकृत कम लागत वाला और सोने में निवेश का एक तरल विकल्प है, यह स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की तरह खरीद और बिक्री की सुविधा देता है.
गोल्ड ईटीएफ में चोरी और क्वालिटी यानी शुद्धता का जोखिम नहीं होता है क्योंकि यह निवेशकों के डीमैट खाते में रखा जाता है.
मंदी के दौर में बेहतर प्रदर्शन-मिरे एसेट म्यूचुअल फंड के हेड- ईटीएफ प्रोडक्ट, सिद्धार्थ श्रीवास्तव का कहना है कि ऐतिहासिक रूप से, सोने ने मंदी के दौर में और आर्थिक मंदी के दौरान पोर्टफोलियो में रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न बढ़ाया है. जब बाजार में वस्तुओं की कीमतें बढ़ने लगती है, सोना अपनी परचेजिंग पावर यानी क्रय शक्ति को बरकरार रखता है. क्योंकि महंगाई के समय सोने ने ऐतिहासिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया. मौजूदा अनिश्चित और अस्थिर बाजार के माहौल में, गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना लंबी अवधि के लिहाज से पोर्टफोलियो के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होता है.
हर यूनिट लगभग 0.01 ग्राम सोने के बराबर-सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने कहा कि मिरे एसेट गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की घरेलू कीमत के प्रदर्शन को ट्रैक करेगा. ईटीएफ की हर यूनिट लगभग 0.01 ग्राम सोने के बराबर होगी. एक निवेशक जो गोल्ड में निवेश करना चाहता है, वह मिरे एसेट गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से ऐसा कर सकता है.