सरकार ने एसेट अंडर मैनेजमेंट में 35 फीसदी से कम घरेलू इक्विटी वाले म्यूचुअल फंड्स से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और इंडेक्सेशन के फायदे वापस ले लिए हैं
शुक्रवार को शेयर बाजार और निवेशकों के लिए एक के बाद एक कई बड़े ऐलान किए गए हैं जिनका आगे काफी असर दिखने वाला है. शुक्रवार को ऐलानों के बाद बाजार का नुकसान बढ़ा और इंडेक्स आधा से एक फीसदी के बीच गिरावट दर्ज कर बंद हुए हैं. सवाल उठ रहा है कि क्या फाइनेंस बिल के संशोधनों का बाजार पर लंबी अवधि में असर पड़ेगा. जानिए क्या हैं ये ऐलान और क्या है एक्सपर्ट्स की राय
क्या हैं फाइनेंस बिल के संशोधन
शुक्रवार को सरकार ने दो अहम फैसले लिए हैं जिसमें पहला फैसला एफएंडओ ट्रेडर्स के लिए है. सरकार ने फ्यूचर एंड ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स को 25 फीसदी तक बढ़ा दिया है. वहीं दूसरे फैसले में सरकार ने एसेट अंडर मैनेजमेंट में 35 फीसदी से कम घरेलू इक्विटी वाले म्यूचुअल फंड्स से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और इंडेक्सेशन के फायदे वापस ले लिए हैं. डेट फंड को लेकर बदले नियम से निवेशकों की निवेश रणनीति में बदलाव देखने को मिल सकता है. ऐसे में सवाल ये है कि डेट फंड से निकले निवेशक अपने पैसों को लेकर कहां जा सकते हैं.
जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय
सुदंरम म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ सुनील सुब्रमण्यम के मुताबिक सरकार ने इंडेक्सेशन का फायदा हटा दिया है जिसका असर है कि कई निवेशक अब डेट म्यूचुअल फंड से दूरी बना सकते हैं. इससे संभावना है कि डेट म्यूचुअल फंड्स के संभावित निवेशक एफडी और बॉन्ड्स में जा सकते हैं. वहीं रिजर्व बैंक के टैक्स फ्री बॉन्ड्स में हिस्सेदारी बढ़ सकती है.