सबसे पहले आपको रेमिटेंस के बारे में बताते हैं- भारतीय जब अपने मूल देश को बैंक, पोस्ट ऑफिस या ऑनलाइन ट्रांसफर से पैसे भेजता है तो उसे रेमिटेंस कहते हैं. अगर आसान शब्दों में समझे तो मान लीजिए खाड़ी के देशों में काम कर रहे भारतीय या फिर अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में डॉक्टर और इंजीनियर की नौकरी कर रहे एनआरआई भारतीय जब भारत में अपने माता-पिता या परिवार को पैसे भेजते हैं तो उसे रेमिटेंस कहते हैं.
रेमिटेंस पर कितना टैक्स-
इनकम टैक्स और आपके पैसों से जुड़े बड़े फैसलों पर सीएनबीसी आवाज़ एक खास शो कर रहा है. इसी शो में एख सवाल रेमिटेंस को लेकर आया था.
शो में शामिल सर्वजीत जी ने पूछा कि मेरा बेटा यूके में पढ़ता है तो अब रेमिटेंस पर कितना टैक्स लगेगा. इस पर टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली ने बताया कि विदेशों में करीब 12-13 लाख बच्चे पढ़ते हैं.
उन्होंने बताया एक निमय बदल गया है. विदेशी रेमिटेंस का टीसीएस 5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. अगर आसान शब्दों में कहें तो अगर आप 10 लाख रुपये भेज रहे हैं तो 2 लाख रुपये जमा कराने होंगे. लेकिन ये सब जानकारी 26 एएस फॉर्म में होती है. लिहाजा आप इसका क्रेडिट लेकर इसका रिफंड ले सकते है. हालांकि, ये नियम एजुकेशन पर लागू नहीं है.
शरद कोहली ने बताया कि इसमें प्रॉब्लम अब रकम फंसने का आता है यानी आपकी 10 लाख के साथ-साथ 2 लाख रुपये फंस जाएंगे. ये रिफंड के बाद ही मिलेंगे.
सरकार ने ऐसा क्यों किया? शरद कोहली ने बताया कि वित्त मंत्रालय को ऐसा लग रहा था कि इसकी ट्रैकिंग सही नहीं हो पा रही है. इसीलिए ये फैसला लिया गया है.