टैक्स सेविंग एफडी के तहत निवेशक इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं.
साल के इस समय कई निवेशक कुछ और टैक्स बचाने के लिए निवेश के विकल्पों की तलाश करते रहते हैं. मार्केट में इसके लिए कई ऑप्शन मौजूद हैं, लेकिन इनमें टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को सबसे सुरक्षित बचत विकल्पों में से एक माना जाता है. इसमें निवेश की गई रकम पूरी तरह से सुरक्षित रहती है और इस पर रिटर्न की भी गारंटी होती है.
टैक्स सेविंग एफडी के तहत निवेशक इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. जॉइंट अकाउंट के मामले में केवल पहला होल्डर इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत इनकम से कटौती के लिए पात्र है. इन टैक्स-सेविंग एफडी में कम से कम पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है. निवेशक टैक्स सेविंग एफडी अकाउंट ऑनलाइन या बैंक शाखा में जाकर खोल सकते हैं.
अन्य फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह टैक्स सेविंग एफडी पर भी रिटर्न निर्धारित अवधि के लिए तय होता है. लेकिन निवेशक टैक्स सेवर डिपॉजिट में समय से पहले यानी प्री मैच्योर या आंशिक निकासी नहीं कर सकते हैं.