Corporate Insurance Policy-कॉरपोरेट इंश्योरेंस सेक्टर में भी कई बड़े बदलाव आए है. ऐसे में यहां हम ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े कुछ कम जाने जाने वाले बेनिफिट के बारे में बता रहे हैं.
पिछले कुछ दशकों में हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में खास तौर से COVID-19 महामारी के बाद एक बड़ा चेंज देखा गया है. न केवल पर्सनलाइज्ड प्रोडक्ट ऑफरिंग्स पर बल्कि हेल्थ इंश्योरेंस को ज्यादा एक्सेसिबल बनाने पर भी फोकस बढ़ गया है. कॉरपोरेट इंश्योरेंस सेक्टर में भी ऐसा हुआ है. ऐसे में यहां हम ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े कुछ कम जाने जाने वाले बेनिफिट के बारे में बता रहे हैं.
(1) फ्लेक्स-बेनिफिट GMC प्लान-कर्मचारियों की ज़रूरतें न केवल समय-समय पर बदलती रहती हैं बल्कि एक संगठन से दूसरे संगठन में भी भिन्न होती हैं. इस प्रकार, बीमा कंपनियां अपने आकार, व्यवसाय के प्रकार आदि के आधार पर किसी संगठन की आवश्यकताओं के अनुरूप पॉलिसी को कस्टमाइज करने का विकल्प प्रदान करती हैं. इसके अलावा, फ्लेक्स-बेनिफिट ग्रुप मेडिकल कवर प्लान एडिशनल प्रीमियम के साथ माता-पिता या अन्य आश्रितों को कवर करने जैसे विकल्पों के साथ आते हैं.
(2) चेंज करने का ऑप्शन-कई प्लान्स में पॉलिसीज को इंडिविजुअल इंश्योरेंस प्लान में बदलने का ऑप्शन होता है. इसके लिए रीजनेबल कंवर्शन फी देनी होती है. इसका सबसे बड़ा बेनिफिट यह है कि संचित लाभ नष्ट नहीं होते हैं और बीमाधारक नियोक्ता बदलने या सेवानिवृत्ति के बाद भी कवरेज का आनंद लेना जारी रख सकता है.
(3) क्लेम सेटलमेंट में आसानी-आजकल ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां न केवल प्लान खरीदने के लिए बल्कि क्लेम करने के लिए भी पूरी तरह से डिजिटल इंटरफेस मुहैया कराती हैं. यह पिछले कुछ वर्षों में बनाए गए मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से संभव हुआ है. क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस को ऑटोमेटिक और तेज करने के लिए एम्प्लॉयर्स के पास एआई-सक्षम व्हाट्सएप चैटबॉट भी है.
एलोपैथिक उपचार से आगे बढ़ रही कंपनियां-कॉरपोरेट इंश्योरेंस प्लान्स अब कर्मचारियों को बीमा का समग्र लाभ प्रदान करने के लिए एलोपैथिक उपचार से आगे बढ़ रही हैं. कुछ पॉलिसीज अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट ऑप्शन जैसे होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, आदि को भी कवर करती हैं. यहां कुछ शर्तें लागू हो सकती हैं, जैसे नेटवर्क अस्पताल, सब-लिमिट या को-पेमेंट.
नो वेटिंग पीरियड-अधिकांश हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज में, पहले से मौजूद अधिकांश बीमारियों को केवल एक वेटिंग पीरियड के बाद कवर किया जाता है जो चार साल तक का हो सकती है. इसके अलावा, पॉलिसी के पहले कुछ वर्षों में मातृत्व लाभ भी उपलब्ध नहीं होता. हालांकि, अधिकांश कॉर्पोरेट पॉलिसी वेटिंग पीरियड से वेवर देती है और पहले दिन से ही सभी कर्मचारियों को कवर करती हैं.
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