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राजस्थान के अलवर शहर के स्टेशन रोड स्थित श्री सार्वजनिक गौशाला का संचालन साल 1904 से किया जा रहा है. यह जिले की पहली गौशाला है. यहां कुछ समय पहले पंजाब से गोबर के कंडे बनाने की मशीन लगाई गई है. देखिए मशीन कैसे बना रही उपले?
50 हजार रुपये की लागत वाले इस मशीन को लगाने की मुख्य वजह यहां के गोबर को उपयोग में लाना है और इससे कंडे बना कर समाज में बांटा जा रहा है.
गोशाला के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि यहां के कंडे का अलाव, शव को जलाने, गाय के गोबर से बने होने के कारण हवन-पूजन में भी अच्छे से प्रयोग किया जा सकता है.
यह मशीन पंजाब से मंगाई गई है. इसमें ऊपर से गोबर डालने पर लंबे पाइप की तरह कंडे तैयार होकर बाहर आते हैं. सर्दियों में कंडे बनाने में दिक्कत आती है.
यह सूख नहीं पाते इसलिए गर्मियों में भरपूर मात्रा में कंडे बनाकर तैयार किए जाते हैं. यह पूरे साल चलते हैं.
उन्होंने कहा कि कंडे बनाने से गोशाला का सिर्फ खर्च ही नहीं, बल्कि लोगों को रोजगार भी मिलता है.
लोग इनको अंत्येष्टि और हवन में प्रयोग करने के लिये लेकर जाते हैं. प्रदूषण की मार पड़ने के बाद कई इंडस्ट्री के लोग भी गौशाला आकर 10 रुपये प्रति किलो के भाव से कंडे लेकर जाने लगे हैं.