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वैसे तो तरबूज की पैदावार अब पूरे देश में होने लगी है, लेकिन लोगों की पसंद महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब और राजस्थान के तरबूज की रही है.
शुरुआती दौर में महाराष्ट्र में तरबूज की पैदावार होती है . इसलिए अभी महाराष्ट्र व कर्नाटक से तरबूज की आवक हो रही है. इन दोनों प्रदेशों का तरबूज अभी एक महीने चलेगा. मार्च के बाद राजस्थान के तरबूज की आवक शुरू हो जाएगी. अप्रैल के बाद उत्तर प्रदेश के तरबूज की आवक शुरू हो जाती है, जो कि एक महीने तक चलता है. मई महीने में पंजाब के तरबूज की आवक शुरू हो जाती है. पंजाब का तरबूज दो महीने चलता है. इसके अलावा भी कई अन्य राज्यों से अलवर में तरबूज आता है.
हालांकि, अभी तरबूज की शुरुआत है, इस कारण भाव भी करीब 30 रुपए प्रति किलोग्राम तक है. लेकिन जैसे- जैसे गर्मी बढ़ेगी तरबूज की आवक भी ज्यादा होगी और भाव में भी कमी आएगी. तरबूज के विक्रेता हकीमुद्दीन बताते है कि वह करीब 15 साल से फल मार्केट में काम कर रहे है. उनके अनुसार सबसे अच्छा तरबूज महाराष्ट्र का होता है, यह खाने में मीठा व स्वादिष्ट होता है, इसे दुकान में 15 दिन तक रखा जा सकता है.
राजस्थान का तरबूज इतना मीठा नहीं होता. इसका कारण है कि यहां पानी की कमी है. हकीमुद्दीन का कहना है कि तरबूज में करीब 70 वैराटियां होती हैं. सबसे अच्छी वैरायटी को बाहुबलि के नाम से जाना जाता है और उसका साइज 5 किलो से लेकर 11 किलो तक होता है. वहीं राजस्थान का तरबूज महंगा होता है. वह 25 से 30 रुपए प्रति किलो तक मिलता है.
तरबूज विक्रेता हकीमुद्दीन ने बताया कि वे खेतों से तरबूज 7- 8 रुपए प्रति किलो में लाते है और 7 रुपए किलो के हिसाब से वहां से अलवर तक लाने का भाडा लग जाता है, मंडी में तरबूज का भाव 13 से 14 रुपए मिल रहा है, वहीं अच्छा माल मिलने पर कीमत 15 रुपए किलो तक हो जाता है. मंडी का 7 प्रतिशत कमीशन जाता है. इस हिसाब से तरबूज रिटेल में 25 से 30 रुपए किलो में मिल रहा है, वहीं 22 मार्च से रमजान शुरू होने पर इसके भाव 40 रुपए तक पहुंचने की संभावना है.