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Bamboo Farming : नासिक के युवा किसान ने दिखाया है कि अगर आप रचनात्मकता, अध्ययन और शोध की मदद से कोई नया रास्ता खोज लें तो आप इसमें सफल हो सकते हैं.
नासिक जिले में आईटी की पढाई करने के बाद एक युवक ने बांस की खेती कर एक सफल प्रयोग किया है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने भी युवक के प्रयोग की सराहना की है. प्रशांत दाते को एक वन अधिकारी ने बांस की खेती के बारे में बताया और यहीं से उसने इस ओर अपना ध्यान केंद्रित किया.
दुनियाभर में बांस की लगभग 148 प्रजातियां हैं, जिनमें से 96 प्रजातियों का संग्रह प्रशांत ने किया है. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा संग्रह कहीं भी एक जगह नहीं मिलेगा. उन्होंने बाकल बांस, बिधूली बांस, स्पेंडर बांस, वेल बांस, लतायन बांस, रेशम बांस, गोहरा बांस, का काला बांस, कटंग बांस जैसी 96 प्रजातियों का संग्रह किया है.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने भी उनके द्वारा बनाए गए इस संग्रह को नोट किया है. राज्यपाल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरह संभाजी राजे छत्रपति ने भी प्रशांत के प्रयोग का निरीक्षण किया और उसकी प्रशंसा की.चूंकि बांस की खेती में दायरा बड़ा है, प्रशांत अब अधिक से अधिक किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए काम कर रहे हैं.
सामान्य तौर पर बांस की खेती 3 से 4 साल में तैयार हो जाती है. चौथे साल से इसकी कटाई शुरू कर देनी चाहिए. खेती के दौरान दो बांस के पौधों में 3 से 4 मीटर की दूरी होनी चाहिए. अगर आप चाहें तो इसके बीच दूसरी फसलों की खेती भी कर सकते हैं. बांस की पत्तियों को पशुओं के लिए चारे के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बांस की खेती करने से पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है.
आज के आधुनिक जमाने में भी बांस के बने फर्नीचर की बहुत मांग है. यही कारण है कि इसकी खेती करने वाले किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. जरूरत और प्रजाति के हिसाब से किसान एक हेक्टेयर जमीन में 1,500 से 2,500 पौधे लगा सकता है. बांस के कल्ले सबसे पहले बिक्री के लिए तैयार होते हैं.
बांस के खेती के लिए 3 साल में प्रति पौधा औसतन 240 रुपये का खर्च आता है. इसमें से भी प्रति पौधे पर 120 रुपये की सरकारी सहायता दी जाएगी. बांस की खेती पर होने वाले खर्च का 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान वहन करता है. सरकारी वहन में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 60 फीसदी और राज्य सरकार की 40 फीसदी होती है. आप इसे बारे में पूरी जानकारी अपने ज़िले पर या नोडल अधिकारी से ले सकते हैं.
बांस की खेती से कितनी कमाई होगी? कैलकुलेशन के मुताबिक अगर किसी किसान ने 3 गुणा 2.5 मीटर का पौध लगाया है तो प्रति हेक्टेयर उन्होंने 1,500 पौधे लगाए होंगे. बांस के इन पौधों के बीच की जगह का इस्तेमाल भी खेती के लिए किया जा सकता है. इस तरह 4 साल बाद आप 3 से 3.5 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं.
किसान हर साल एक एकड़ बांस से 25-30 हजार रुपये के कल्ले बेच सकता है. किसानों को हर साल बांस की रिप्लांटेशन की जरूरत नहीं होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि बांस के पौधे लगभग 40 साल तक चलते हैं. बांस की खेती के बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए nbm.nic.in वेबसाइट का भी सहारा ले सकते हैं.