SUMMARY
प्रखंड मत्स्य विभाग (Fisheries Department) का अभिनव संदेश कार्यक्रम बेरोजगारी (Unemployment) से लड़ने के लिए घर में मछली (Fish) की खेती कर एक मिसाल बनाई है.
पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम-1 ब्लॉक के माधवपुर गांव के तुलसी दास ने वर्ष 1988 में अपने घर के आंगन में एक छोटे से क्षेत्र में कम लागत पर विभिन्न प्रकार की मछलियां उगाई हैं. उन्होंने दिखाया है कि अगर हौसले और चाहत हो तो छोटे तालाबों में मछली पालन कर हजारों रुपए कमाए जा सकते हैं न कि बड़े तालाबों या भेड़ों में.
जिओल मछलियों के साथ-साथ काई, शिंगी, मागुर, पाबडा, जपोनिपुटी, पेंगबा, सिल्वर कार्प आदि मछलियों की खेती आसानी से की जा रही है. चौबच्चा को मछलियों के प्राकृतिक भोजन के लिए अजोला दिया गया है. इसके अलावा, चौबछर ने हरे शैवाल को नियंत्रित करने के लिए सिल्वर कार्प मछली भी छोड़ी है.
इसके अलावा, शिंगी जैसी मछलियों का कृत्रिम प्रजनन अपनी खुद की सीडलिंग फिश बनाकर किया जाता है. नंदीग्राम-1 ब्लॉक नंबर 1 मत्स्य विभाग खुद की खेती के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं को मछली पालन में आत्मनिर्भर बनने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है.
तुलसी बाबू ने कहा, "यह ईंट चौबाछा मत्स्य विभाग की पहल के तहत 100 दिनों के कार्य के अभिसरण परियोजना से बनाया जा रहा है. दिनांक 28 फरवरी 2023 को प्रखंड मत्स्य विभाग से मुझे कोन मछली पौध भी प्राप्त हुई. तुलसी ने खेती के बारे में भी कहा, खेती का यह तरीका छोटे क्षेत्र में लाभदायक है. चौबच्चा मछली की खेती स्थानीय बाजार को ध्यान में रखकर करनी चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि होलसेल रेट अच्छा है तो मुनाफा भी अच्छा है. यदि कोई मछली दो सौ रुपए से ऊपर बेची जाती है तो पचास प्रतिशत लाभ प्राप्त होता है. हालांकि, अगर स्थानीय खाद्य मछली और रंगीन मछली की खेती साथ-साथ की जाए तो लाभ अधिक होगा. नंदीग्राम-1 ब्लॉक मत्स्य विस्तार अधिकारी सुमन कुमार साहू ने कहा कि तुलसी दास एक सफल मछली किसान हैं.
मछली पालन कर वह सफल हो गया. उन्होंने कई लोगों को मछली पालन में रुचि पैदा की है. मछली पालन का यह तरीका तालाबों या तालाबों में मछली पालन के सामान्य तरीके से थोड़ा अलग है. चूंकि इस उपक्रम को कम पूंजी के साथ एक छोटी सी जगह में शुरू किया जा सकता है, इसलिए कमाई का यह आसान तरीका आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकता है.
मछली पालन को व्यवसाय बनाने के लिए हम दूर-दराज के गांवों में छोटे-छोटे समूह बनाकर इन सभी मत्स्य पालन पर चर्चा कर रहे हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर सरकारी परियोजनाओं के लाभ के साथ मत्स्य प्रौद्योगिकी का विस्तार किया जा रहा है.
नंदीग्राम-1 पंचायत समिति की कार्यपालक अधिकारी मौसमी पाणि ने कहा, ''खंड मत्स्य विभाग की पहल के तहत बेरोजगार युवा, आत्मनिर्भर समूह की महिलाएं, मछुआरे और मछली व्यापारी सभी को मछली पालन के विभिन्न व्यवसायों के माध्यम से विकसित और आत्मनिर्भर उद्यमी बनाया जा रहा है. बैठक हो रही है, कहा जा रहा है कि जिनके पास तालाब नहीं है वे भी बेरोजगारी से मुक्ति पाने के लिए अपने घर परिसर में मछली की खेती कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं.