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ब्रोकली एक विदेशी सब्जी है, लेकिन इसके फायदों के कारण बेगूसराय में भी इसकी खेती कर रहे हैं. अगर आप भी ब्रोकली की खेती करने की योजना बना रहे हैं तो वैज्ञानिक तरीके से ब्रोकली की खेती करना बेहद आसान है.
बिहार के केंद्रीय कृषि विश्व विद्यालय पूसा समस्तीपुर में आयोजित कृषि मेला में ब्रोकली उत्पादन को लेकर बेगूसराय के कृषि सलाहकार अनीस कुमार को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था. इसको लेकर उन्हें प्रशस्ति पत्र भी देकर सम्मानित किया गया. अनीश ने बताया कि रोमनेस्को ब्रोकली सभी गुणों से भरपूर सब्जी है. आजकल बाजारों में इसकी मांग काफी ज्यादा है.
ब्रोकली एक विदेशी सब्जी है, लेकिन इसके फायदों के कारण बेगूसराय में भी इसकी खेती कर रहे हैं. अगर आप भी ब्रोकली की खेती करने की योजना बना रहे हैं तो वैज्ञानिक तरीके से ब्रोकली की खेती करना बेहद आसान है.
जिले के छोड़ाही प्रखंड के एकंबा पंचायत के पेशे से किसान सलाहकार अनीश कुमार को पूसा में ब्रोकली के बेहतर उत्पादन को लेकर प्रथम पुरस्कार पुरस्कार मिला है. यहां के कुलपति पुण्यव्रत सुविमलेन्दु पाण्डेय ने इटालियन प्रजाति के गोभी रोमनेस्को की उपज को देखते हुए किसान सलाहकार को प्रशस्ति पत्र और केसरौल देकर सम्मानित किया.
अनीश ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि यह पिरामिड जैसा दिखने वाला गोभी रोमनेस्को ब्रोकली है. ब्रोकली ठंड में उपजाया जाने वाला सब्जी है. इसकी खेती कई वर्षों से करते आ रहे हैं.
अनीश कुमार ने बताया कि ब्रोकली की मार्केट में जबरदस्त डिमांड है. अमेरिका जैसे कई यूरोपीय देशों में यह काफी प्रचलन में है और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह लाभकारी है. इस महंगे गोभी के फूल का नाम रोमनेस्को कॉलीफ्लावर है. इसे कुछ लोग ब्रोकोली के नाम से भी जानते हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह गोभी का फूल दूसरे गोभी की तुलना में थोड़ा सा विचित्र होता है. रोमनेस्को कॉलीफ्लावर के फूल पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते और हरे पिरामिड जैसी एक खास आकृति धारण कर लेते हैं. जबकि आमतौर पर बांकी गोभी गोल ही होते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी, विटामिन के, डायटरी फाइबर्स और कैरोटिनॉयड्स होते हैं.
इसकी बाजार मूल्य 2 हजार रुपए प्रति किलो बताई जा रही है. वहीं अब डिमांड भी ज्यादा होने लगी है. कृषि सलाहकार अनीश ने बताया कि ब्रोकली की रोपाई से 25 से 30 दिन पहले मृदा में अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद 8 से 10 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मिला दिया जाता है. ब्रोकली में रासायनिक खाद की अनुशंसित मात्रा 120:80:60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का उपयोग किया जात है. आम तौर पर ब्रोकली 65 से 80 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाता है.
मार्च के अंतिम सप्ताह तक इसका उपयोग किया जा सकता है. अनीश के खेत में अब भी ब्रोकली लगा हुआ है. जिले के किसान 9931957688 पर संपर्क कर इसका बीज और रोपने के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.